यूपी में बनेगी देश की पहली नाईट सफारी,रात में ले सकेंगें मौज…
लखनऊ: लखनऊ में कई सुविधाओं से लैस देश की पहली नाइट सफारी (Kukrail Night safari) बनने जा रही है. यहां एक नये चिड़ियाघर की भी स्थापना होगी. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने नाइट सफारी की स्थापना करने पर आखिरकार मंजूरी प्रदान कर दी है. जानकारी दे दें कि कुकरैल में 350 एकड़ की जमीन पर एक नाइट सफारी बनाई जाएगी. यह नाइट सफारी सिंगापुर की विश्व की पहली नाइट सफारी की तर्ज पर बनाई जाएगी. नाइट सफारी और चिड़ियाघर के लिए 1500 करोड़ का बजट तय किया गया है.
पहली नाइट सफारी…
याद दिला दें कि पिछले महीने ही सेन्ट्रल जू अथॉरिटी की टेक्निकल कमेटी ने राजधानी लखनऊ की कुकरैल नाइट सफारी के साथ ही प्राणि उद्यान परियोजना को सहमति दी थी. इसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपना आभार भी व्यक्त किया था. पिछले साल ही योगी सरकार ने सिंगापुर के दैसा ही देश के पहले नाइट सफारी के साथ ही जैव विविधता पार्क यहां बनवाने का फैसला किया था. वैसे तो देश में कई सफारी बनाए जा चुके हैं लेकिन जब बात आती है नाइट सफारी की तो लखनऊ में ऐसी पहली नाइट सफारी होगी.
विश्व स्तरीय सुविधा…
विश्व स्तरीय सुविधाओं के तर्ज पर नाइट सफारी में ट्रेन की सवारी के साथ ही जीप की सवारी करवाई जाएगी, साथ में स्थानीय गाइड भी रखा जाएगा. इसके अलावा कैनोपी वाक और कैंपिंग जैसी एक्टिविटी भी की जाएगी. ट्रैक, दीवार पर्वतारोहण के साथ ही ट्री टॉप रेस्टोरेंट की भी सफारी में सुविधाएं जी जाएंगी. नेचर ट्रेल और फूड कोर्ट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की भी योजना है.
खुले आसमान के नीचे होगे जानवर…
बटरफ्लाई इंटरप्रिटेशन सेंटर के साथ ही 75 एकड़ में तेंदुआ सफारी बनाने की प्लानिंग है. 60 एकड़ में भालू सफारी तैयार किया जाएगा और 75 एकड़ में आपको यहां टाइगर सफारी का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा. बाड़े में वन्य जीवों को न रखकर योजना है कि उन्हें खुले आसमान के नीचे केटल ग्रिड में रहने दिया जाए.
ओपन एयर चिड़ियाघर …
ओपन एयर चिड़ियाघर के रूप में इसे विकसित किया जाएगा. रात में जानवरों के लिए यहां पर चंद्रमा की रोशनी के जैसी ही रोशनी देने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए मंद प्रकाश फैलाने की व्यवस्था होगी. दिन में पर्यटकों के लिए लेटेस्ट थीम पार्क भी तैयार करवाया जाएगा.
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1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी..
कहा जा रहा है कि दोनों परियोजनाओं पर करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. सीजेडए का अनुमति पत्र मिलने के बाद अब वन विभाग परियोजनाओं की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के सलाहकार की सेवाएं लेगा.
सलाहकार नियुक्त करने के लिए भी खुली निविदा से प्रस्ताव मांगे जाएंगे. ये कार्य इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड में किए जाएंगे. यानी, जो फर्म नाइट सफारी व चिड़ियाघर की स्थापना का ठेका लेगी, उसे तय मानकों पर सभी काम खुद करना होगा. इसके लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे, क्योंकि कोई विशेषज्ञ एजेंसी अभी देश में इस काम के लिए मौजूद नहीं है.