लालू : ‘अघोषित आपातकाल, तानाशाही के दौर से गुजर रहा देश’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने यहां बुधवार को कहा कि देश अघोषित आपातकाल(emergency) और तानाशाही के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी सिद्घांत से समझौता नहीं कर सकते, जिसके कारण राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के व्यक्ति का समर्थन नहीं किया।
उन्होंने एकबार फिर विपक्षी एकजुटता कायम करने की सभी दलों से अपील की। राजद के 21वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए लालू ने कहा, “देश बहुत खराब दौर से गुजर रहा है। इस कारण सभी कार्यकर्ता लालू प्रसाद बनकर देश को बचाने के लिए आगे आएं।”
लालू प्रसाद ने कहा, “देश में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। राम और रहीम के लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है। गाय के नाम पर निर्दोष लोगों की हत्या की जा रही है। देश के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। देश में अभी भयावह स्थिति है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था चरमरा गई है।”
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राजद नेता ने समान विचारधारा के लोगों को एक साथ आने की अपील करते हुए कहा, “मायावती और अखिलेश मिल जाएंगे, तो भाजपा का ‘गेम ओवर’ हो जाएगा। पूरी संभावना है कि अगले चुनाव में दोनों मिल जाएंगे।”
उन्होंने कहा, “हमलोग एक रणनीति की तरह काम कर रहे हैं। मायावती, अरविंद केजरीवाल, ममता, प्रियंका गांधी, राबर्ट वाड्रा को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि सब एक हो जाएंगे तो भाजपा खत्म हो जाएगी।”
उन्होंने भाजपा पर सपना और सब्जबाग दिखाकर केंद्र की सत्ता पर काबिज होने का आरोप लगाया और कहा, “केंद्र सरकार ने कोई वादा पूरा नहीं किया है। देश में बेरोजगारी बढ़ गई है। देश में इस सरकार के समय एक सुई का कारखाना तक नहीं लगा। देश में कानून-व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है।”
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इस मौके पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव, वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दीकी सहित कई मंत्री, सांसद और विधायक मौजूद रहे।
लालू प्रसाद ने राष्ट्रपति चुनाव की चर्चा करते हुए कहा कि राजद अपने सिद्घांत से समझौता नहीं कर सकता, यही काराण है कि आरएसएस के व्यक्ति का राजद ने समर्थन नहीं किया।
उन्होंने राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को दलित होने पर सवाल खड़ा किया और कहा, “वह दलित नहीं हैं। वह कोली जाति से आते हैं और गुजरात में चुनाव है, इसलिए उन्हें उम्मीदवार बनाया गया है, जिससे गुजरात में कोली जाति के 18 प्रतिशत वोट मिल सकें।”
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