राष्ट्रीय बीज कांग्रेस में सहयोग, साझेदारी और ज्ञान का आदान-प्रदान, वैज्ञानिक कर रहे चुनौतियों पर चर्चा

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वाराणसी में 13वें राष्ट्रीय बीज कांग्रेस (एनएससी) में वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय सहयोग, साझेदारी और ज्ञान का आदान-प्रदान के साथ इसमें आ रही चुनौतियों पर चर्चा की. इसका उद्घाटन गुरुवार को प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किया. आज से 30 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के आईसार्क में आयोजित इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान भी ऑनलाइन जुड़े. इसमें देश-विदेश के वैज्ञानिकों के अलावा बीज संस्थानों व विश्वविद्यालयों के शोध छात्र आदि ने भागीदारी की.

नवाचार और साझेदारी को आगे बढ़ाने का आह्वान

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय बीज अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (एनएसआरटीसी) और अंतरराष्ट्रीय धान अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) की ओर से यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इरी की निदेशक डॉ. यवोन पिंटो ने इस दौरान कृषि में नवाचार और साझेदारी को आगे बढ़ाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि इसके परिणाम न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी पड़ेंगे. इससे बीज प्रणाली और किसानों के जीवन को सशक्त बनाएंगे.

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विदेशी प्रतिनिधि भी ले रहे भाग

आईसार्क के निदेशक सुधांशु सिंह ने बताया कि गुरुवार को सुबह 9:30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया. देश की बीज नीति को वैश्विक चुनौतियों जैसे खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और संसाधन प्रबंधन आदि पर चर्चा हो रही है. वैज्ञानिकों के अलावा अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, बीज कंपनियों, बीज के क्षेत्र में कार्य करने वाले संस्थानों, शोध छात्रों सहित सात सौ अधिक प्रतिनिधि भी शामिल हुए. साथ ही नेपाल, फिलीपींस, बांग्लादेश के भी प्रतिनिधियों ने भाग लिया. उद्घाटन समारोह में कृषि सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी, अतिरिक्त सचिव शुभा ठाकुर, इरी के उपमहानिदेशक (अनुसंधान) डॉ. अजय कोहली मौजूद रहे.

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