जिन्ना के ‘जिन्न’ पर उलेमा का फतवा
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना(Jinnah) की तस्वीर को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस विवाद में ऑल इंडियन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और बरेली के उलेमा भी कूद गए हैं। एआईएमपीएलबी का कहना है कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर वाजिब है तो बरेली के उलेमा ने इसके खिलाफ फतवा जारी कर दिया है।
फोटो लगाना शरीयत के खिलाफ
बरेली के उलेमा ने कहा कि इस्लाम में फोटो लगाना जायज नहीं है। ऐसे में एएमयू में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाना शरीयत के खिलाफ है। उन्होंने इसके खिलाफ फतवा भी जारी कर दिया। हालांकि, एआईएमपीएलबी के सदस्य जफरयाब जिलानी इससे सहमत नहीं दिखते हैं। उन्होंने कहा कि जिन्ना यूनिवर्सिटी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। ऐसे में उनकी फोटो को नकारा नहीं जा सकता है।
बीजेपी की आलोचना
जिलानी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला बोलते हुए कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने जिन्ना की तस्वीर को लेकर घमासान मचा रखा है। जिन्ना की तस्वीर एएमयू में 80 साल से लगी है। ऐसे में अब इसकी याद क्यों आई है? यह केवल चुनावी मुद्दा है और राजनीति के लिए इसे उठाया जा रहा है।
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इस बीच यूपी के अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन और एएमयू कार्यपरिषद सदस्य तनीवर हैदर उस्मानी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाना गलत है। उसे हटाया जाना चाहिए। इस देश के लिए जिन्ना ने कोई ऐसा काम नहीं किया है, जिसके लिए उन्हें इतनी इज्जत बख्शी जाए। जल्द ही इस संबंध में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में प्रस्ताव लाया जाएगा।
जिन्ना की तस्वीर पर पूछा था सवाल
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में चल रहे बवाल के बीच बरेलवी मसलक के उलेमा ने जिन्ना का फोटो लगाए जाने पर अपना फैसला दिया है। एक शख्स ने शरई रोशनी में दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता के उलेमा से सवाल किया था कि जिन्ना की तस्वीर लगाना सही है या गलत? इस पर उलेमा ने शरीयत का हवाला देते हुए इस पर फतवा जारी कर दिया।
बरेली के सीबीगंज निवासी बख्तियार खान ने दरगाह आला अजरत मरकजे दारुल इफ्ता उलेमा से इस मसले पर सवाल पूछा कि अगर पाकिस्तान हमारा दुश्मन है उसके नुमाइंदे की फोटो लगाना शरीयत में सही है? इस सवाल के जवाब में उलेमा ने कहा कि इस्लाम में फोटो लगाना सही नहीं, इसलिए जिन्ना की तस्वीर लगाना शरीयत के खिलाफ है।