कांग्रेस का महाभियोग प्रस्ताव, ओडिशा में कर रहा पार्टी को परेशान

0

कांग्रेस पार्टी का मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग लाने का फैसला ओडिशा में उसकी ही यूनिट को परेशान करने लगा है। अगले साल राज्य में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में दीपक मिश्रा के उड़िया मूल होने की वजह से महाभियोग भी एक मुद्दा बन सकता है, जिसका कांग्रेस पर बुरा असर पड़ सकता है। कांग्रेस ने एक दिन पहले ही राज्य में नेतृत्व को लेकर व्याप्त अनिश्चितता को खत्म करने की कोशिश में नए पदाधिकारियों का ऐलान किया। ऐसे में पार्टी का यह निर्णय कांग्रेस को ओडिशा के बेटे के खिलाफ दिखा सकता है।

कांग्रेस के कदम का बुरा असर

वहीं, बीजेडी और बीजेपी ने महाभियोग का विरोध करते हुए जस्टिस मिश्रा के प्रति समर्थन जताया है। कांग्रेस के कई राज्य स्तरीय नेताओं ने बताया कि उसका यह कदम सूबे में पार्टी को अलग-थलग करने की स्थिति में ले आया है क्योंकि ओडिशा के लोग जस्टिस मिश्रा के चीफ जस्टिस बनने को प्रेरक मानते हैं। कांग्रेस के एक लीडर ने बताया, ‘कोई भी उड़िया यह नहीं देखना चाहेगा कि ओडिशा का कोई राजनीतिक दल यहां के किसी मूल निवासी के खिलाफ जाए।’

Also Read : मोदी के मंत्री का विवादित बयान, रेप की 1-2 घटनाएं हो जाती हैं बात का बतंगड़ न बनाएं

इधर, कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व कानून मंत्री नरसिंह मिश्रा ने कहा, ‘इस कदम को राजनीतिक तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यदि चीफ जस्टिस के खिलाफ डॉक्युमेंट्स हैं तो उसका कोई सिर्फ इस आधार पर विरोध नहीं कर सकता कि वे ओडिशा के हैं।’ इस बीच सूबे में कांग्रेस को पछाड़कर बीजेडी (बीजू जनता दल) के मुकाबले मुख्य विपक्ष दल बनी बीजेपी ने महाभियोग के प्रस्ताव को ‘ऐंटी-ओडिशा’ करार दिया है।

कांग्रेस की ओडिशा विरोधी सोच

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने उड़िया में लिखे कई ट्वीट्स में कहा, ‘हमेशा से ओडिशा विरोधी रहने वाली कांग्रेस अब राज्य के सफल व्यक्ति जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ले आई है। केंद्र में अपनी सत्ता के दौरान कांग्रेस ने कभी ओडिशा के साथ न्याय नहीं किया। यह कदम कांग्रेस की ओडिशा विरोधी सोच को दर्शाता है।’

चीफ जस्टिस के उड़िया मूल के होने की वजह से ही सूबे की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी ने कांग्रेस के प्रस्ताव से किनारा करते हुए उसे राजनीतिक करार दिया है। लोकसभा में बीजेडी के संसदीय दल के नेता भर्तृहरि महताब ने कहा, ‘कांग्रेस को इतने निचले स्तर तक जाकर न्यायपालिका को चुनौती नहीं देनी चाहिए। कई राजनीतिक उद्देश्यों के चलते यह कदम उसने उठाया है। सीजेआई के खिलाफ लगाए गए आरोप काफी समय पहले ही निपट चुके हैं। इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है।’

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More