राहुल गांधी : मोदी के दिल में दलितों के लिए जगह नहीं

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कांग्रेस पार्टी आज से संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत कर रही है। जिसका मकसद संविधान और दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दलित समुदाय के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के प्रयास के तहत कांग्रेस का यह अभियान काफी अहम माना जा रहा है।

अध्यात्म नहीं होता, जो वाल्मिकी समाज करता है

इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत आज राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की किताब ‘कर्मयोगी-नरेंद्र मोदी’ के शब्दों से की। राहुल ने निशाना साधते हुए कहा कि जो टॉयलेट को साफ करता है, जो गंदगी उठाता है। उसका क्या अध्यात्म नहीं होता, जो वाल्मिकी समाज करता है।

पेट के लिए नहीं बल्कि अध्यात्म के लिए काम करता है

वाल्मिकी समाज का व्यक्ति ये काम अपने पेट को भरने के लिए नहीं करता है, मगर वो ये काम इसलिए करता है क्योंकि वह ये काम अध्यात्म के लिए करता है। उसके माता-पिता आसानी से ये काम छोड़ सकते थे, लेकिन उन्होंने नहीं छोड़ा। राहुल ने कहा कि ये हमारे पीएम की सोच है कि वाल्मिकी समाज का व्यक्ति अपने पेट के लिए नहीं बल्कि अध्यात्म के लिए काम करता है।

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इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाए तो राहुल गांधी ने नारेबाजी करने से मना कर दिया। राहुल बोले कि जो मोदी की विचारधारा है वो देश के हर व्यक्ति को समझनी चाहिए। मोदी बोले कि दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है। मोदी के दिल में दलितों के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक व्यक्ति से मोदी जी ने पूछा कि देश के दलित उनसे गुस्सा क्यों हैं। मैं बताना चाहता हूं कि पीएम की विचारधारा दलितों के समर्थन वाली नहीं है।

बाबा साहेब की द्वारा बताई बातों पर नहीं चल रहे हैं

दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़ रहा है लेकिन मोदी जी लगातार चुप रहे हैं। यूपी, ऊना जैसे मामले सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने गुजरात में आवाज़ उठाई तब तीन दिन बाद स्टेज पर मोदी जी आते हैं और आंसू निकल आते हैं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज लोग बाबा साहेब की द्वारा बताई बातों पर नहीं चल रहे हैं। बीजेपी वाले सिर्फ बाबा साहेब की फोटो के आगे झुकते हैं लेकिन उनकी बातों पर अमल नहीं करते हैं।

देशभर से दलित प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं

BJP और RSS वाले इस देश में मनु संस्कृति वापस लाना चाहते हैं। तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित हो रहे इस अभियान में शामिल होने देशभर से दलित प्रतिनिधि पहुंच रहे हैं। इनमें कांग्रेस के वर्तमान और पूर्व सांसद, जिला परिषद, नगरपालिका और पंचायत समितियों में पार्टी के दलित समुदायों के प्रतिनिधि और पार्टी की स्थानीय इकाइयों के पदाधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं।

एक साल तक जारी रहेगा अभियान

यह अभियान अगले साल संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) तक जारी रहेगा. अभियान के संबंध में कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘बीजेपी सरकार में संविधान खतरे में है। दलित समुदाय को शिक्षा और नौकरियों में अवसर नहीं मिल रहे हैं। इस अभियान का मकसद इन मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना है। ‘

वहीं, कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख विपिन राउत ने एक बयान में दावा किया कि आरएसएस समर्थित बीजेपी जब से केंद्र की सत्ता में आई है, किसी न किसी तरीके से देश के संविधान पर हमले होते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे समाज के वंचित तबकों को उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस अनुसूचित जातियों और जनजातियों समेत समाज के दूसरे कमजोर तबकों को मिली सामाजिक सुरक्षा को भंग करना चाहती है।

aajtak

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