जानें क्यों, कांग्रेस कर रही है कोविंद का विरोध?

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने देश के शीर्ष संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखने के संकल्प के साथ देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए शुक्रवार को नामांकन-पत्र (nomination papers) दाखिल कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि काफी संख्या में गैर-राजग पार्टियों के सहयोग से कोविंद काफी अंतर से चुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त हैं।

कोविंद (71) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों, भाजपा के सहयोगी दलों और कोविंद का समर्थन कर रहे दलों की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया।

नामांकन दाखिल करने के बाद कोविंद मोदी, शाह, पार्टी के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी तथा मुरली मनोहर जोशी के साथ बाहर निकले। उनके साथ कई और नेता भी थे। कोविंद के नामांकन भरने के दौरान उपस्थित अन्य शीर्ष नेताओं में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं।

भाजपा के पूर्व सांसद कोविंद ने नामांकन भरने के बाद मीडिया से कहा कि 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद से उनका पार्टी से कोई संबंध नहीं है।

कोविंद ने कहा, “राष्ट्रपति काफी गरिमापूर्ण पद है। मेरी कोशिश होगी कि राष्ट्रपति पद को दलगत राजनीति से ऊपर रखा जाए। मैं वादा करता हूं कि इस पद की गरिमा बनाए रखने के लिए मैं अपनी पूरी कोशिश करूंगा। हमारे देश में संविधान सर्वोपरि है। इसकी संवैधानिता बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।”

कोविंद ने नामांकन की तीन प्रतियां जमा कीं और कहा कि नामांकन की एक और प्रति वह 28 जून को दाखिल करेंगे। 17 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए कोविंद का सामना विपक्षी दलों की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार से होगा, जो 27 जून को नामांकन करेंगी।

कोविंद ने कहा, “कुछ महीनों में हम देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं, ऐसे में देश का निरंतर विकास होता रहे। हम इसके प्रयास करते रहेंगे।” उन्होंने कहा, “पूर्व में इस पद को कई लोगों ने सुशोभित किया है, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. राधाकृष्णन और ए.पी.जे अब्दुल कलाम जैसे महानुभाव हुए।”

कोविंद ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नामांकन किया। दूसरे घटक दलों ने भी मेरा समर्थन किया। इसके लिए सभी का हृदय से आभारी हूं।”

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के राष्ट्रपति उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का कांग्रेस विरोध क्यों कर रही है।

नायडू ने कहा, “कोविंद योग्य उम्मीदवार हैं। उनका विवादों से दूर-दूर तक नाता नहीं है, शिक्षित तथा अनुभवी हैं और बिहार के राज्यपाल के रूप में बढ़िया काम कर चुके हैं। उन्होंने कमजोर व दबे-कुचले तबकों के बीच काम किया है। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि कांग्रेस उनका विरोध क्यों कर रही है।”

उन्होंने कहा, “वे कह रहे हैं कि उनके परामर्श के बिना हमने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार उतारा। लेकिन हम उनके पास गए थे और उनका समर्थन मांगा था। चुनाव लड़ना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। लेकिन आज अधिकांश बड़ी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन कोविंद के साथ है।”

नायडू ने कहा, “हमारे पास जीतने लायक बहुमत है। सभी बड़ी पार्टियां कोविंद का समर्थन कर रही हैं। यह बात केवल कांग्रेस को ही पता है कि वह चुनाव क्यों लड़ रही है, क्योंकि उनके पास संख्याबल नहीं है।” उन्होंने कहा, “मैं तो उन्हें कोविंद का समर्थन करने के लिए कहूंगा।”

शिवसेना तथा जम्मू एवं कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित राजग के पास सांसदों व विधायकों के इलेक्टोरल कॉलेज का 48.93 फीसदी समर्थन है।

गठबंधन से बाहर की पार्टियों जैसे तेलंगाना राष्ट्र समिति (2 फीसदी), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (5.39 फीसदी), वाईएसआर कांग्रेस (1.53 फीसदी), बीजू जनता दल (2.99 फीसदी), जनता दल (युनाइटेड) के 1.91 फीसदी मतों को मिलाकर राजग लगभग 63 फीसदी पाने के लिए आधा मत आसानी से पार कर जाएगा।

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वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस दलितों या उनकी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है।

उन्होंने कहा, “उन्हें यह पिछले चुनाव में करना चाहिए था, मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाते। अब जब राजग ने दलित उम्मीदवार उतारा है, तो उन्होंने दलितों को एक-दूसरे से लड़ाने के लिए मीरा कुमार को उम्मीदवार बना दिया, जो दलितों का अपमान है।”

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कांग्रेस मीरा कुमार को एक अन्य दलित उम्मीदवार के मुकाबले चुनाव मैदान में उतारकर ‘बिहार की बेटी’ का अपमान कर रही है।

सुशील मोदी ने कहा, “अब जब भाजपा ने दलित उम्मीर उतारा है, तो उन्होंने मीरा कुमार में संभावनाएं देखनी शुरू कर दीं। यह बिहार की बेटी का अपमान है।”  पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार बिहार की निवासी हैं।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतों की गणना 20 जुलाई को होगी। देश के मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है।

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