गोवा में सियासी संकट, कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार अचानक संकट में आ गई है। पर्रिकर की अगुआई में बीजेपी के साथ एकजुट रहे सहयोगी दलों में नए सीएम को लेकर मतभेद उभर आए हैं। बीजेपी साथियों को मनाने में जुटी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आनन-फानन में सोमवार रात गोवा पहुंचकर सहयोगी दलों से बातचीत की। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य के नए मुख्यमंत्री को लेकर बैठक में एकराय नहीं बन पाई। इस सियासी हलचल के बीच कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। उसने राज्यपाल को चिट्ठी लिख सरकार बनाने का दावा ठोक दिया है।
गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा है। मनोहर पर्रिकर के अलावा विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन और पिछले साल कांग्रेस के दो विधायकों सुभाष शिरोडकर व दयानंद सोपटे के इस्तीफे से चार सीटें खाली हैं। इस तरह विधासभा में मौजूदा समय में कुल 36 विधायक है। ऐसे में सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 19 का है। पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी के पास 12 का संख्याबल है।
नए सीएम पर नहीं बनी सहमति?
गोवा के सियासी संकट को थामने के लिए नितिन गडकरी रात करीब साढ़े 12 बजे गोवा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में दो निर्दलीय विधायक भी मौजूद थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक नए सीएम को लेकर बैठक सुबह तक चलती रही। बीजेपी को उम्मीद थी कि सहयोगियों से बात बनने के बाद सीएम के चहरे की घोषणा हो जाएगी और सोमवार दिन में 9.30 बजे तक नई सरकार का गठन हो जाएगा। लेकिन सीएम को लेकर सहयोगी पार्टियों में सहमति नहीं बन पाई।
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मीटिंग से बाहर आने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने कहा, ‘हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि बीजेपी को। अब जब वह नहीं रहे तो विकल्प खुले हुए हैं। हम गोवा में स्थिरता चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि सदन को भंग किया जाए। हम बीजेपी विधायिका दल के फैसले का इंतजार करेंगे और उसके बाद अगला कदम उठाएंगे।’ मीटिंग में गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख विजय सरदेसाई अपनी पार्टी के दो विधायकों विनोद पालीकर और जयेश सलगांवकर के साथ आए थे। उनके साथ दो निर्दलीय विधायक रोहन खवंटे और गोविंद गावडे भी थे।
नितिन गडकरी के साथ मीटिंग के बाद एमजीपी के सुदीन धावलिकर ने बताया कि वह अपने विधायकों के साथ चर्चा के बाद एक घंटे में फैसला करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी पार्टी की कार्यकारिणी कमिटी की मीटिंग में जा रहा हूं, मैं उनका प्रस्ताव लूंगा। एक घंटे के बाद हम जान सकेंगे कि उम्मीदवार कौन हैं।’
सीएम को लेकर दो नामों पर चर्चा
पूर्व पंचायत मंत्री मौविन गौडिन्हो ने कहा कि चर्चा का दूसरा राउंड चलेगा। उन्होंने बताया कि बीजेपी की ओर से सीएम के लिए दो नाम सुझाए गए थे। वे दो नाम प्रमोद सावंत और विश्वजीत राणे हैं। उन्होंने बताया कि एमजीपी के सुदीन धावलिकर भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इस वजह से बात नहीं बन सकी। प्रमोद सावंत गोवा विधानसभा के अध्यक्ष हैं। विश्वजीत राणे मनोहर पर्रिकर कैबिनेट में स्वास्थ्य मंत्री थे। वह कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं। इसी बीच कांग्रेस ने भी सरकार बनाने का दावा ठोका है। रात को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा को लिखे गए पत्र में कांग्रेस की ओर से बहुमत होने का दावा किया गया है।