सदन में अखिलेश यादव पर गरजे सीएम योगी, पीडीए का भी कर दिया जिक्र

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मानसून सत्र में आज नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कई सवालों की झड़ी लगाई। अन्ना मवेशियों से लेकर जलभराव तक नेता विपक्ष ने प्रदेश के मुखिया पर कई सियासी वार किए। मगर जब सदन में सीएम योगी आए और उन्होंने बोलना शुरू किया तो नेता विपक्ष भौचक्के रह गए। सीएम योगी ने अखिलेश यादव के हर एक सवाल पर पलटवार किया।

Akhilesh yadav slams UP government over crime CM recalls Mulayam singh yadav remark on rape - जब अखिलेश और योगी में चला वार-पलटवार, मुलायम की बात याद दिला यूपी सीएम का जवाब

अखिलेश यादव पर गरजे सीएम योगी

दरअसल, सीएम योगी ने देश के अन्नदाता किसानों के विषय पर सदन में तीन दिवसीय चर्चा का आयोजन किया। कुल 33 सदस्यों ने बाढ़ और सूखा जैसे विषय पर अपने बहुमूल्य विचार रखे। सीएम योगी ने कहा कि पिछले एक घंटे से मैं नेता विरोधी दल के विचारों को सुन रहा था और एक घंटे के भाषण में बाढ़ और सूखा से संबंधित मुद्दों पर उन्हें सिर्फ गोरखपुर का जल जमाव याद आया और बाकी कुछ भी नहीं। नेता विरोधी दल के वक्तव्य को देखकर यही लगा कि 2014, 2017, 2019 और 2022 का जो जनादेश है, वो जनता ने ऐसे ही नहीं दिया। दुष्यंत कुमार ने इस पर बहुत अच्छी बात कही है कि तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीं नहीं और कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीं नहीं। उन्हें जमीनी हकीकत की कोई जानकारी नहीं है।

सीएम बोले- पशुपाल खेती का पार्ट

सीएम योगी ने अखिलेश यादव के किसानों वाले बयान पर कहा कि अगर भारत की खेती की बात होती है तो नेता विरोधी दल, उससे बाड़ी शब्द भी जुड़ता है। पशुपालन भी उसका पार्ट है। और जिस सांड़ की आप बात कर रहे हैं न वो भी उसी का हिस्सा है। आपके समय में वो बूचड़ खाने के हवाले होता था, हमारे समय में यही पशु धन का पार्ट बना हुआ है। लगता है पेपर की कटिंग पर होमवर्क करते समय शिवपाल जी ने कुछ पुरानी कटिंग भी बीच में रखवा दी थीं। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब परिवार में सत्ता का संघर्ष बढ़ता है तो कुछ न कुछ चीजें तो सामने आएंगी। शिवपाल जी ने इतना पापड़ बेला है तो कुछ तो सामने आएगा। शिवपाल जी के प्रति हमारी सहानुभूति है। आपके साथ अन्याय हुआ है। आपके साथ ये लोग न्याय करेंगे भी नहीं।

सीएम योगी ने पीडिए का भी किया जिक्र

सीएम योगी ने इस बीच अखिलेश यादव के पीडिए का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन्सेफलाइटिस से पूर्वी यूपी में चालीस साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई थी। चार बार सपा को प्रदेश की सत्ता संभालने का मौका मिला था। 90 फीसदी मरने वाले बच्चे दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़ी जाति के थे, क्या यहां पीडीए नहीं था। तब क्या कर रहे थे चार बार के आपके मुख्यमंत्री। और आपको तो पांच साल का मौका मिला था। सीएम योगी ने कहा कि मुझे ये बताने में गर्व होता है कि हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इन्सेफेलाइटिस का समूल नाश कर दिया। आज आप जाइए गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, पीलीभीत, लखीमपुर और सहारनपुर तक इंसेफेलाइटिस समाप्त हो चुका है। बस घोषणा होना बाकी है। नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि पीएम आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग पीडीए के पार्ट नहीं हैं क्या? क्यों नहीं अबतक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वो दलित और गरीब थे। 2017 से अबतक 55 लाख लोगों को आवास दिलाये गये हैं।

अन्ना मेविशियों पर बोले सीएम योगी… 

अखिलेश यादव के अन्ना मवेशियों द्वारा किसानों की फसले नुकसान करने पर वाले बयान पर सीएम योगी ने पलटवार किया। सीएम योगी ने कहा कि ये सरकार पहली सरकार है जिसने अन्नदाता किसानों के हित में दो अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए थे। हमने अपने पहले कार्यकाल में वन्य जीव और मानव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में लाने का काम किया। कोई व्यक्ति सर्पदंश और सांड़ से मरे, इन सभी को आपदा में घोषित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है। हम तो सांड़ की नंदी के रूप में पूजा करते हैं। शिवपाल जी आप नहीं करते क्याय़ तो कुछ तो समझाया करें इन्हें। बिजनौर के किसानों की चर्चा नेता विरोधी दल कर रहे थे, आपको पता होना चाहिए कि 20 तेंदुओं को वहां से निकाला गया है और रेस्क्यू टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं। हम किसान को सुरक्षित रखेंगे, साथ ही वन्यजीवों को रेस्क्यू करके सुरक्षित करने का कार्य भी करेंगे।

चाचा-भतीजे पर सीएम योगी ने ली चुटकी

सीएम योगी ने चाचा-भतीजे की जोड़ी का जिक्र कर एक बार फिर चुकटी ली। सीएम योगी ने कहा कि 2012 से 17 के बीच प्रदेश की जनता चाचा भतीजे के बीच द्वंद्व का शिकार होती रही। भतीजे को लगता था कि चाचा हावी ना हो जाएं, इसलिए पैसे नहीं देते थे। यही कारण है कि 2012 से 17 के बीच आठ परियोजनाएं पूरी हो पाई थीं। 2017 से 22 के बीच हमने 20 परियोजनाओं को पूरा किया है। सिंचन क्षमता 2012 से 17 तक 195900 हेक्टेयर थी और 2017 से 22 के बीच 2317000 हेक्टेयर सिंचाई हुई है, जिससे 44 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।

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