यूपी: दलितों का घर फूंके जाने पर सीएम योगी सख्त, 80 लोगों पर FIR दर्ज
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में बच्चों के विवाद में दो वर्गो में भिड़ंत के उग्र होने के बाद दलितों के घर फूंकने के मामले पर मुख्यमंत्री ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने सभी आरोपियों के खिलाफ शीघ्र एनएसएस के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ ही सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। इस मामले बड़ी कार्रवाई करते हुए सरायख्वाजा थाने में 57 लोग नामजद के साथ करीब 80 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सूचना मिलते ही आसपास के थानों से भारी संख्या में पुलिस बल को मौके पर तैनात कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कार्रवाई के दिये आदेश
वहीं मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपियों पर रासुका (NSA) लगाने के आदेश दिए है। यहीं नहीं सीएम योगी ने मुख्य आरोपी नूर आलम और जावेद सिद्दीकी समेत सभी आरोपियों पर तत्काल रासुका लगाने का आदेश दिया है, जबकि थानेदार के ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्रवाई के आदेश देते हुए पीड़ित दलितों को तत्काल आवास समेत अन्य सरकारी मदद देने का निर्देश दिए गए है। इस मामले में अब तक 35 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मुख्यमंत्री आवास समेत अन्य सरकारी मदद
मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही वहां पर फौरन स्थिति नियंत्रण न करने पाने के दोषी थाना प्रभारी के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिनके घर फूंके गए हैं, उन सभी पीड़ित दलितों को तत्काल मुख्यमंत्री आवास समेत अन्य सरकारी मदद दी जाए।
मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष से 10,26,450 रुपए की आर्थिक सहायता
योगी ने पीड़ित परिवारों के नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष से 10,26,450 रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को समाज कल्याण विभाग द्वारा 1 लाख रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना के 7 पीड़ित परिवारों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास उपलब्ध कराया जाए।
इन धाराओ में दर्ज किया गया मुकदमा
मामले में पुलिस धारा 147, 148, 149, 307, 452, 323, 504, 506, 436, 427, 429, 34, 188, 269 के अलावा आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1932 की धारा 7, एससी/एसटी एक्ट, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनयिम 1984 की धारा 3, महामारी अधिनियम, 1897 की धारा 3 और आपदा प्रबंधन अधिनयिम 2005 की धारा 51 के तहत केस दर्ज किया है।
दो वर्गों के बीच जमकर हुआ था संघर्ष
गौरतलब है कि मंगलवार देर शाम सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में बच्चों के बीच विवाद मामले में दो वर्गों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। इसके बाद हमलावरों ने अनुसूचित जाति की बस्ती में पिटाई, तोडफोड़ व आगजनी की। घटना को लेकर तनाव के चलते गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। बुधवार की दोपहर वाराणसी मंडल के आयुक्त दीपक अग्रवाल व आइजी विजय सिंह मीणा ने स्थिति का जायजा लिया। इन सभी ने पीड़ितों को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने व नुकसान के भुगतान का आश्वासन दिया।
तनाव के चलते गांव पुलिस छावनी में तब्दील
बता दें कि जौनपुर के सरायख्वाजा थाना के भदेठी गांव के रहने वाले राजेश ने तहरीर दी थी। इस शिकायत में उन्होंने पहले बकरी को लेकर विवाद में उनके भाई के साथ मारपीट, फिर देर रात उनके घरों पर हमला करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि 57 नामजद और 20 से 25 अज्ञात लोगों ने उनके घरों पर हमला किया और आग लगा दी। इसमें कई लोग घायल हो गए, वहीं 10 घरों का सामान जलकर राख हो गया। आगजनी में बकरी और भैंस का बच्चा भी जलकर मर गया था।
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