कोताही बर्दाश्त नहीं करेंगे सीएम योगी, कानून व्यवस्था को लेकर दिए कड़े निर्देश

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उत्तर प्रदेश में लगातार चरमरा रही कानून व्यवस्था का सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। इस संदर्भ में योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के लोकभवन में कानून व्यवस्था और विकास कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की।

बुधवार को हुई इस बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख गृह सचिव, डीजीपी ओपी सिंह और कई डीएम व एसएसपी समेत प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे।

कानून व्यवस्था के संबंध में निर्देश-

कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग करते हुए मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था से सम्बंधित बैठक में प्रदेश के बड़े अधिकारियों को समस्त ज़िलों के निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। सभी अधिकारी अपनी-अपनी रिपोर्ट 20 जून, 2019 तक मुख्य सचिव के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को सौपेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि स्कूल और कॉलेजों के खुलने के बाद पुलिस विभाग व महिला कल्याण विभाग संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन करें, ताकि बालिकाओं की सुरक्षा पर हम विशेष ध्यान दे सकें।

सभी जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान अनिवार्य रूप से प्रतिदिन कम से कम एक घण्टा जनता से मिलें, इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

यदि किसी भी ज़िले में संवेदनहीनता और संवादहीनता की स्थिति पैदा होती है तो कोताही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी।

निराश्रित व्यक्तियों की यदि कहीं मृत्यु होती है तो उसके अंतिम संस्कार हेतु 5000 रुपये ग्राम प्रधान निधि से जिलाधिकारी सुनिश्चित कराएं।

प्रदेश के किसी भी हिस्से में कोई भी व्यक्ति बीमारी और भूख से नहीं मरना चाहिए।

सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो अस्पतालों, विद्यालयों आदि संस्थानों का नियमित रूप से आकस्मिक निरीक्षण करें।

01 जुलाई से 15 जुलाई, 2019 तक ‘सभी स्कूल चलो’ अभियान की तैयारी कर ले, कोई भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रह जाए।

‘102’ व ‘108’ एम्बुलेंस मरीजों को वक़्त पर अस्पताल पंहुचा रही है या नहीं, इसका निरीक्षण कर सुनिश्चित करें।

फुट पेट्रोलिंग की ओर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है। साथ ही यूपी-100 का रुट रिडिजाइन करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी निर्देश दिया है कि थाना प्रभारियों और थानाधिकारियों की नियुक्ति मेरिट के आधार पर ही होना चाहिए।

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