चीन ने कहा , क्या रावत युद्ध संबंधी बयान देने के लिए ‘अधिकृत’ हैं

0

चीन ने गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के युद्ध संबंधी बयान पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या यह भारत सरकार की भी राय है और क्या वह इस प्रकार के बयान देने के लिए ‘अधिकृत’ हैं, वह भी ऐसे समय जब दो माह चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के नेताओं की सकारात्मक मुद्दों को लेकर बैठक हुई है।

Also Read : रेल घोटाला मामले में लालू, तेजस्वी को ‘समन’

प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा..

जनरल रावत के बयान कि ‘भारत को दोनों मोचरे (चीन व पाकिस्तान) पर युद्ध के लिए तैनात रहना चाहिए’ पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, “हमें यह नहीं पता कि क्या वह इन बातों को कहने के लिए अधिकृत हैं या फिर स्वत:स्फूर्त अचानक कहे गए शब्द हैं या फिर यह टिप्पणी भारत सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करती है?

एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन सम्पन हुआ था 

रावत का बयान बुधवार को ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी।

रावत ने चीन से संबंधित बयान दिया

रावत ने नई दिल्ली में चीन से संबंधित बयान दिया था, “जहां तक हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखाने का दौर शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहने की क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का सबब है। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।”

रावत के बयान पर आश्चर्य जताया जा रहा है 

गेंग ने मोदी और शी के बीच द्विपक्षीय मुलाकात को याद करते हुए रावत के बयान पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया का एक धड़ा भी रावत के बयान पर ‘स्तब्ध’ है।गेंग ने कहा, “दो दिन पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री से कहा था कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए विकास की संभावनाएं हैं और एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं।”

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन से इतर दोनों देशों के नेताओं के बीच दो माह तक चले डोकलाम विवाद के बाद घोषणा पत्र में सकारात्मक विकास पर बात हुई थी। हमें एक दूसरे को दुश्मन की तरह नहीं देखना चाहिए।

सैन्य अधिकारी इन हालात को देखेंगे

गेंग ने कहा कि मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास को बनाए रखकर चीन के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यह सैन्य अधिकारी इन हालात को देखेंगे, भारत-चीन संबंध के विकास में योगदान देंगे और इस संबंध में कुछ और कहेंगे।

इस बीच, डोकलाम विवाद पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा सीमा विवाद से भारत-चीन संबंधों पर असर पड़ा है लेकिन मोदी और शी के बीच सहमति बनने से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है।

दोनों देशों  के बीच बनी सहमति हुई है 

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति पर साथ काम करने की जरूरत है और संबंधों को पटरी पर लाने के लिए द्विपक्षीय संबंध बेहतर बनाने की जरूरत है। द्विपक्षीय संबंध बेपटरी नहीं होना चाहिए और दोनों देशों के बीच कोई भी विवाद नहीं उत्पन्न होना चाहिए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More