भारत के गणतंत्र दिवस में मिस्र से आएंगे मुख्य अतिथि, जानें क्यों चुना गया इन्हें

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भारत इस 26 जनवरी को अपना 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, जिसकी तैयारियां शुरू हो गई है। दिल्ली के राजपाट पर होने वाले इस भव्य कार्यक्रम को देखने के लिए देश व विदेश भी कई मेहमान आते हैं इस भव्य कार्यक्रम में हार साल किसी न किसी को मुख्या अतिथि के तौर पर विदेशी चीफ गेस्ट को इनविटेशन दिया जाता है। सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार हर साल चीफ गेस्ट के तौर पर विदेशी प्रमुखों को इनविटेशन दिया जाता है। क्या आप जानते है कि इस बार के चीफगेस्ट कौन है? कैसे होता है इनका चुनाव, आइए जानते हैं-

इस बार मिस्र के राष्ट्रपति होंगे अथिति…

इस बार के चीफ गेस्ट मिस्र (Egypt) के राष्ट्रपति अब्देह फतेह अल सिसि होंगे। कोविड के चलते 2 सालों से गणतंत्र दिवस पर कोई मुख्य अतिथि नहीं आ सके। इस बार के चीफ गेस्ट अब्देल फतेह अल सिसि ने इंविटेशन को नवंबर 2022 में एक्सेप्ट किया है।

मिस्र के राष्ट्रपति को क्यों चुना गया…

राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाने के पीछे एक खास वजह भी है. विदेश मंत्रालय सचिव के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिलने मात्र तीन दिन के बाद ही भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंध स्थापित हुए थे. इस साल उसे 75 साल पूरे हो रहे हैं. इस तरह यह साल भारत और इजिप्ट के औपचारिक संबंधों के लिए विशेष है. उन्होंने कहा, इन सालों में भारत और इजिप्ट के बीच सम्बंध मजबूत हुए हैं.

कैसे होता है अथिति का चुनाव…

-गणतंत्र दिवस भारतीयों को लिए काफी खास होता है। ऐसे में इस आयोजन में आने वाले गेस्ट भी काफी खास होते हैं। गेस्ट को बुलाने के लिए करीब 6 महीने पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती हैं। अतिथि को कैसे बुलाना है, कैसे उन तक निमंत्रण भेजना है या फिर कैसे उनके ठहरने का इंतजाम करवाया है इन सभी बातों का खास ख्याल रखना होगा।

-मुख्य अतिथि के तौर पर किसे बुलाना है इसका विचार करना इतना आसान नहीं होता है। इसके लिए काफी सोच विचार करना होता है। इसमें सबसे प्रमुख भारत और उस देश के संबंधों का ध्यान रखना पड़ता है जिसका प्रतिनिधि बुलाया जा रहा है।

-भारत के ऐतिहासिक संबंध को देखना काफी जरूरी हो जाता है। पहले कैसे संबंध थे वहीं अब कैसे संबंध है। इन बातों का विशेष ख्याल रखना होता है। इन सभी चीजों के बाद विदेश मंत्रालय प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से इस मामले में अनुमति लेता है और उसकी सलाह के बाद या अनुमति मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाती है। ऐसे में इस प्रक्रिया को करने के लिए करीब 6 माह का समय लगता है।

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