भगवा वस्त्र, ध्यानपूर्ण मुद्रा, सूर्य को अर्घ्य, माले का जप…कुछ इस अंदाज में नजर आए पीएम मोदी, देखें तस्वीरे…
एक जून को देश में सातवें और अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग की जानी है. इससे पहले पीएम मोदी ने इस चरण की प्रचार अवधि खत्म होने के बाद कन्याकुमारी दौरे पर चले गए है, अब वे एक जून की शाम तक विवेकानंद रॉक मेमोरियल में रहेगें, जोकि समंदर के बीच में बना हुआ है. यहां पर पीएम मोदी 45 घंटों तक ध्यान करने वाले है, इस अवधि का आज दूसरा दिन है. ऐसे में पीएम मोदी कुछ तस्वीरें सामने आयी है.
पीएम मोदी ने सूर्य को दिया जल
भाजपा ने इससे जुड़ा एक वीडियो साझा किया है, माना जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने उगते हुए सूरज को जल चढ़ाया. तब उन्होंने हाथ जोड़कर प्रार्थना की और माला जाप शुरू किया होगा.
सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था
पीएम मोदी के इस धार्मिक दौरे को कन्याकुमारी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्थाएं दी गई हैं. 2000 हजार से अधिक पुलिसकर्मी उनकी सुरक्षा कर रहे हैं, किसी आम पर्यटक को प्रधानमंत्री मोदी विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर जाने की अनुमति नहीं होगी जब तक वे वहाँ रहेंगे. पीएम मोदी की सुरक्षा में NSG कमांडो भी तैनात किए गए हैं.
पीएम मोदी दक्षिण भारत की पारंपरिक ड्रेस में दिखे
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी पहुंचे थे, प्रधानमंत्री दक्षिण भारत की पारंपरिक पोशाक में दिखे, जिसमें उन्होने धोती पहन रखी थी. उन्होंने ऑफ-व्हाइट शॉल पहना था. कन्याकुमारी ने भगवती अम्मन मंदिर में पूजा-अर्चना करते नजर आए.
मंडपम की क्या खासियत
इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था. यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था. ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी.
हर बार आधायात्मिक यात्रा पर जाते है मोदी
बता दें कि, आम चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद पीएम मोदी बार-बार आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं. 2019 में चुनाव प्रचार के बाद वे केदारनाथ गए और 2014 में शिवाजी महाराज से जुड़े प्रतापगढ़ गए.
कई मायनों में अलग है कन्याकुमारी
कन्याकुमारी भारत के लिए बहुत खास है, यहीं पर भारत की पश्चिमी तटीय रेख और पूर्वी तटीय रेख मिलती हैं. कन्याकुमारी में ही बंगाल की खाड़ी, हिंद महासागर और अरब सागर मिलते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कन्याकुमारी जाकर एक तरह से राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया है.
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विवेकानंद रॉक मेमोरियल
पीएम मोदी का ध्यान एक छोटे से द्वीप पर है, जो कन्याकुमारी के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक है. जब स्वामी विवेकानंद को 1892 में ज्ञान मिला, वे इसी स्थान पर तीन दिनों तक ध्यान पर बैठे थे. यह भी माना जाता है कि मां पार्वती, या देवी कन्याकुमारी, इस चट्टान पर एक पैर पर खड़ी होकर कठोर तपस्या की थी. विवेकानंद मंडपम और श्रीपाद मंडपम दोनों राज मेमोरियल में हैं. स्वामी विवेकानंद की विशाल प्रतिमा इस जगह पर स्थापित है. अक्तूबर से मार्च तक इस स्थान पर जाने का सबसे अच्छा समय है.
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