चांद फतह करने को चंद्रयान-2 तैयार, ISRO ने इस बार की दमदार तैयारी
भारतीय मिशन चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की तैयारी अंतिम चरण में है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से कल दोपहर बाद दो बजकर 43 मिनट पर इसे जीएसएलवी-मार्क-3 रॉकेट से भेजा जाएगा। उल्टी गिनती आज शाम शुरू होगी।
छह सौ चालीस टन भार ले जाने में सक्षम यह रॉकेट चंद्रयान-2 को पृथ्वी की वलयाकार कक्षा में लेकर जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अनुसार चंद्रयान-2, 23 दिन तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा। इसके बाद यह पृथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा। प्रक्षेपण के 30वें दिन यह चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा, उसके बाद 13 दिन तक यह चंद्रमा की परिक्रमा करेगा।
चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम 43वें दिन ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा। उसके बाद यह धीमी गति से चंद्रमा के निकट पहुंचेगा। 48वें दिन यानी 7 सितम्बर को इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की आशा है।
15 जुलाई को होना था लांच-
मूल रूप से चंद्रयान-2, 15 जुलाई की सुबह प्रक्षेपित किया जाना था लेकिन प्रक्षेपण यान के क्रायोजेनिक हिस्से में गड़बड़ी का पता लगने के बाद इसका प्रक्षेपण टालना पड़ा। इस खराबी को दूर करने के बाद अब इसे कल प्रक्षेपित किया जाएगा। उड़ान की अवधि 54 दिन से घटा कर 48 दिन कर दी गई है।
ये यान चंद्रमा पर पूर्व निर्धारित तारीख पर ही पहुंचेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बहुत कम समय में खराबी को दूर करके मिशन की विश्वसनीयता बरकरार रखी है। मिशन की सफलता के बाद, भारत चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला चौथा देश हो जाएगा।
इस अभियान पर लगभग नौ सौ 78 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर सहित चंद्रयान-2 के सभी हिस्से पूरी तरह से स्वदेश में विकसित और निर्मित हैं।
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