चांद पर भारत का परचम फहराने की ओर अग्रसर चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने के अंतिम चरण को सफलतापूर्वक पूरा किये जाने के बाद अब लैंडिंग की तैयारियां भी आखिरी दौर में है।
इसरो के अध्यक्ष ने कहा 7 सितंबर की लैंडिंग के बाद भी अगले 14 दिन मिशन के लिए बेहद अहम होंगे।
चंद्रयान-2 एक नई सफलता हासिल करने की ओर बढ़ रहा है। चंद्रयान-2 का लैंडिंग मॉड्यूल लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ऑर्बिटर से 2 सितंबर को अलग हो जाएंगे।
खुलेंगे अनसुलझे रहस्य-
‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंच पाया है। इससे चांद के अनसुलझे रहस्य जानने में मदद मिलेगी जिससे ऐसी नयी खोज होंगी जिनका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा।
कुल 3,850 किलोग्राम वजनी यह अंतरिक्ष यान ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर के साथ गया है। पहले चंद्र मिशन की सफलता के 11 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भू-स्थैतिक प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-मार्क ।।। के जरिए 978 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘चंद्रयान-2’ का प्रक्षेपण किया है।
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