क्या आप यकीन करेंगे कि एक बल्ब 124 साल से लगातार जल रहा है ? बिना रुके और बिना फ्यूज़ हुए !
जी हां कैलिफोर्निया (अमेरिका) के लिवरमोर शहर में ‘सेंटेनियल लाइट’ दुनिया का सबसे पुराना जलता हुआ बल्ब है. इसे 1901 में फायर स्टेशन नंबर 6 में लगाया गया था और तब से यह बल्ब लगातार आज भी जल रहा है. इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है. यह कोई जादू नहीं, बल्कि सदी पुराना विज्ञान और बेजोड़ डिजाइन का नतीजा है.
कैसे शुरू हुआ सेंटेनियल लाइट का सफर?
इस बल्ब को पहली बार 1901 में लिवरमोर के फायर स्टेशन के होज़ कार्ट हाउस में लगाया गया था. इसे शेल्बी इलेक्ट्रिक कंपनी ने 1890 के दशक के अंत में बनाया था. इसे उस दौर के बेहतरीन इंजीनियरिंग कौशल का एक अनूठा उदाहरण माना जाता है. इस बल्ब में हाथ से बनाई गई कांच की कोटिंग और कार्बन फिलामेंट है.
बाद में इसे मुख्य फायर हाउस (सेकंड स्ट्रीट) में स्थानांतरित किया गया. 1903 में, इसे स्टेशन 1 (फर्स्ट स्ट्रीट और मैकलियोड) में ले जाया गया, जहां यह 1937 तक रहा. उस दौरान, एक हफ्ते तक यह बंद भी रहा. 1976 में, इसे पुलिस और फायर ट्रक की सुरक्षा में कैप्टन किर्बी स्लेट की निगरानी में लिवरमोर के फायर स्टेशन 6 में स्थानांतरित किया गया.

बल्ब को शुरुआत में 110 वोल्ट की सप्लाई से जोड़ा गया था, लेकिन 1976 में इसे 120 वोल्ट के अलग पावर स्रोत और यूपीएस (Uninterrupted Power Supply) से जोड़ा गया. मई 2013 में यूपीएस फेल होने के कारण यह 9.5 घंटे तक बंद रहा, लेकिन फिर चालू करने पर यह कुछ घंटों के लिए 60 वॉट की रोशनी देने लगा और बाद में फिर से 4 वॉट पर स्थिर हो गया, जो एक नाइटलाइट के बराबर मानी जा सकती है. इसकी इस स्थिति का कारण अब भी रहस्य बना हुआ है.
हालांकि, यह बल्ब कभी स्थान परिवर्तन के कारण, कभी मरम्मत के कारण, तो कभी बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से यह कुछ समय के लिए बुझा, लेकिन यह बल्ब स्वयं कभी खराब नहीं हुआ.
क्यों नहीं बुझता यह बल्ब?
इस बल्ब के इतने लंबे समय तक जलने के पीछे कई वैज्ञानिक और तकनीकी कारण हैं:
1. कम वोल्टेज और लगातार जलना
जब यह पहली बार लगाया गया था, तब इसे 110-वोल्ट के कनेक्शन से जोड़ा गया था, लेकिन 1976 में इसे 120-वोल्ट के स्रोत और UPS यानी अनइंटरप्टेड पावर सप्लाई से जोड़ा गया, ताकि यह बिना रुके चलता रहे.
यह अब केवल 4 वाट की शक्ति पर जलता है, जिससे इसकी ऊर्जा खपत भी कम होती है और यह अधिक समय तक चल पाता है.
2. मजबूत कार्बन फिलामेंट
इस बल्ब में आधुनिक टंगस्टन की बजाय कार्बन फिलामेंट का उपयोग किया गया है.
कार्बन फिलामेंट टंगस्टन की तुलना में ज्यादा टिकाऊ होता है और जल्दी वाष्पित नहीं होता, जिससे इसकी उम्र बढ़ जाती है.
3. बार-बार ऑन-ऑफ न किया जाना
आमतौर पर बल्बों को बार-बार जलाने और बुझाने से फिलामेंट कमजोर हो जाता है, लेकिन यह बल्ब दशकों तक लगातार जलता रहा है, जिससे इसका फिलामेंट खराब नहीं हुआ.
4. नाइट्रोजन वातावरण और तापमान
यह बल्ब हाई नाइट्रोजन वातावरण में रखा गया है, जिससे इसके फिलामेंट को क्षति नहीं पहुंचती.
इसका ऑपरेटिंग तापमान 1452 K है, जो इसे अधिक टिकाऊ बनाता है.
यह नाइटलाइट की तरह जलता है, जिससे यह ज्यादा गर्म नहीं होता.
तकनीकी देखरेख और रखरखाव
इस बल्ब की देखरेख ‘सेंटेनियल लाइट बल्ब कमेटी’ द्वारा की जाती है, जिसमें लिवरमोर-प्लेजेंटन फायर डिपार्टमेंट, लिवरमोर हेरिटेज गिल्ड और कई वैज्ञानिक संस्थान शामिल हैं. इसकी नियमित रूप से निगरानी की जाती है ताकि यह ठीक से काम करता रहे.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और वैश्विक पहचान
- 1972 में एक पत्रकार ने इस बल्ब की कहानी को प्रकाशित किया, जिसके बाद यह पुरी दुनिया में प्रसिद्ध हो गया.
- गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, रिप्लेज़ बिलीव इट ऑर नॉट! और जनरल इलेक्ट्रिक ने इसे दुनिया का सबसे पुराना जलते हुए बल्ब के रूप में मान्यता दी है.
- अमेरिकी राष्ट्रपति, कांग्रेस, सीनेट और कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा ने भी इसे मान्यता दी है.
- इसे मिथबस्टर्स, कैलिफ़ोर्निया गोल्ड और 99% इनविजिबल जैसे शो में दिखाया गया है.
- 2001 में बल्ब के 100 साल पूरे होने पर भव्य समारोह आयोजित किया गया था.
- 2015 में इस बल्ब ने 1 मिलियन घंटे (10 लाख घंटे) जलने का रिकॉर्ड बनाया.
- इस बल्ब को लेकर आर्टिस्ट्स और राइटर्स ने कई किताबें और पेंटिंग्स बनाई हैं.
- एक प्रसिद्ध चित्रित किताब ‘The Firehouse Light’ में बच्चों को इसकी कहानी समझाई गई है.
- लिवरमोर के फायर स्टेशन की दीवार पर एक भव्य म्यूरल (दीवार चित्र) बनाया गया है, जो इस ऐतिहासिक बल्ब को समर्पित है.
बता दें कि इस बल्ब के निकटतम प्रतिस्पर्धी बल्बों में से एक ‘पैलेस बल्ब’ है, जिसे 21 सितंबर 1908 को टेक्सास के ‘बायर्स ओपेरा हाउस’ में स्थापित किया गया था. यह अब ‘स्टॉकयार्ड्स म्यूज़ियम’ में रखा गया है और 2008 में 100 वर्षों की अवधि पूरी कर चुका था.
कैसे देख सकते हैं सेंटेनियल लाइट?
सार्वजनिक रूप से यह बल्ब तब देखा जा सकता है जब फायरफाइटर्स किसी आपातकालीन कॉल पर न हों. स्टेशन के सामने लगे बेल को बजाकर अंदर जाने की अनुमति ली जा सकती है. यदि कोई उपलब्ध नहीं है, तो इसे स्टेशन के दरवाजे की खिड़की से भी देखा जा सकता है.
डिजिटल संरक्षण
इस बल्ब को और अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए इसकी आधिकारिक वेबसाइट centennialbulb.org को अपडेट किया जा रहा है. वेबसाइट पर इसके इतिहास, लाइव कैमरा स्ट्रीम, और वैज्ञानिक शोध की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी.
सेंटेनियल लाइट सिर्फ एक बल्ब नहीं, बल्कि टिकाऊ उत्पादों की संभावनाओं, ऐतिहासिक इंजीनियरिंग, और औद्योगिक नैतिकता का प्रतीक है. यह न केवल वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और इतिहासकारों के लिए प्रेरणा है, बल्कि आम लोगों को भी यह सिखाता है कि सही देखभाल और गुणवत्ता के साथ उत्पादों को दशकों तक टिकाऊ बनाया जा सकता है.