भारत की तरफ से पहली बार तालिबान और अफगानिस्तान के हालात को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। भारत के तीनों सेनाओं के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान के हालात और वहां आए तालिबान के शासन को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ उसकी उम्मीद पहले से थी। जहां तक अफगानिस्तान की बात है, तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत आने वाली किसी भी समस्या से हम उसी तरह निपटें, जिस तरह हम आतंकवाद से निपटते हैं।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या पूरी तरह अलग:
सीडीएस जनरल बिपिन रावत बुधवार को राजधानी दिल्ली में ओआरएफ द्वारा आयोजित वेबिनार ‘इंडो यूएस पार्टनरशिप: सिक्योरिंग 21स्ट सेंचुरी’ में बोल रहे थे। जनरल रावत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या को अलग-अलग करार देते हुए कहा कि दोनों को एक ही चश्मे से देखना ठीक नहीं। उन्होंने कहा, “हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या पूरी तरह अलग-अलग मुद्दे है। हां, ये दोनों मामले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती पेश करते हैं, लेकिन ये दोनों अलग-अलग सतह पर हैं। यह दो समानांतर रेखाएं हैं, जीनके मिलने की संभावना बहुत कम है।”
तालिबन के ‘समर्थक’ देशों को चेतावनी:
सीडीएस ने आगे कहा, अगर अमेरिका तालिबान के भारत के खिलाफ किसी साजिश के खुफिया जानकारी साझा करता है, उसे ग्लोबल-टेरेरिज्म मानकर कारवाई की जाएगी। सीडीएस ने अपने संबोधन में तालिबन के ‘समर्थक’ देशों को भी चेतावनी दी। जनरल रावत ने कहा की क्षेत्र में जब कहीं कुछ समस्या होती है, तो हमें उसकी चिंता होती है। हमारे उत्तर पर मौजूद चीन के साथ हमारे पश्चिमी सीमा पर मौजूद पाकिस्तान के पास भी परमाणु हथियार हैं। इसलिए हम दो ऐसे पड़ोसियों से घिरे हैं, जिनके पास ये कूटनीतिक हथियार हैं। इसीलिए हम अपनी नीतियां लगातार विकसित करते हुए अपने पड़ोसियों के एजेंडे को समझने की कोशिश में है। हम इसी हिसाब से अपनी क्षमता विकसित कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर भारत देश काफी मजबूत हैं और किसी भी दुश्मन से अपनी पारंपरिक सेना के जरिए ही निपटने में सक्षम हैं।
गौरतलब हो कि जब से अफगानिस्तान में तालिबान ने कब्जा किया है तब से पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर को लेकर उल्टी-सीधी बयानबाजी चालू है। हालांकि, तालिबान ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी दूसरे देश को विरुद्ध नहीं करेगा।
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