चारा घोटाला : वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए आज होगा सजा का एलान
चारा घोटाले और देवघर कोषागार से 89.27 लाख की अवैध निकासी में दोषी आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की सजा पर सस्पेंस आज खत्म हो सकता है। 23 दिसंबर को दोषी ठहराए गए लालू और अन्य दोषियों की सजा का ऐलान 3 जनवरी को होना था, लेकिन अल्फाबेट के चक्कर में लालू की सजा पर सस्पेंस अब भी बरकरार है। जज इस मामले के 16 दोषियों को ‘A, B, C, D…’ के क्रम में सजा सुना रहे हैं। इस तरह लालू व अन्य दोषियों की सजा का ऐलान आज हो सकता है। अगर आज भी लालू की सजा का ऐलान नहीं होता है, तो इसके लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ेगा।
लालू की गैरमौजूदगी में क्या होगी पार्टी की रणनीति?
उधर, लालू की सजा को लेकर आरजेडी में हलचल तेज है। लालू को सजा हुई और उन्हें ज्यादा वक्त जेल में बिताना पड़ा तो पार्टी की रणनीति क्या होगी, इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है। बिहार की पूर्व सीएम और लालू की पत्नी राबड़ी यादव आज दोपहर अपने आवास पर पार्टी की भावी रणनीति तैयार करने के लिए बैठक करेंगी।
पार्टी के भविष्य पर होगी चर्चा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राबड़ी देवी के घर पर होने वाली बैठक में परिवार के साथ कुछ और करीबी नेता हिस्सा लेंगे। लालू के दोनों बेटे तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव भी बैठक में होंगे। बता दें कि महागठबंधन की सरकार में लालू के दोनों बेटे मंत्री थे। राज्य सभा सांसद और लालू की सबसे बड़ी बेटी मीसा यादव भी पार्टी की भावी रणनीति पर चर्चा करेंगी।
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बैठक में शामिल होने के लिए पार्टी के सभी सांसदों, विधायकों, जिलाध्यक्षों, प्रखंड अध्यक्षों और बड़े पदाधिकारियों को बुलाया गया है। जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, रामचंद्र पूर्व, तनवीर हसन, अब्दुल गफूर और निरंजन कुशवाहा जैसे तमाम नेता तो शुक्रवार से ही राबड़ी देवी के आवास पर डटे हुए हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह लालू यादव के समर्थन में पिछले 4 दिनों से रांची में हैं, लेकिन बैठक में शामिल होने के लिए वह भी पटना लौट रहे हैं।
लालू के पूरे कुनबे पर हैं कई केस
आय से अधिक संपत्ति, मनी लॉन्ड्रिंग और पद के दुरुपयोग के मामले इस वक्त लालू के परिवार के सदस्यों पर चल रहे हैं। बेटी मीसा भारती पर प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट भी फाइल की है। लालू के दोनों बेटों पर आय से अधिक संपत्ति और पद के दुरुपयोग के केस दर्ज हैं। चारों तरफ से मुश्किल में घिरी पार्टी के लिए बाहर निकलने का रास्ता अब उतना आसान नहीं रहा।
(साभार- नवभारत टाइम्स)