महंत परिवार को आसानी से ‘बख्शने’ के मूड में नहीं मंदिर प्रशासन, कसने लगा नकेल
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में सड़क पर हुई सप्त ऋषि आरती का मुद्दा गहराता जा रहा है। मंदिर प्रशासन ने आरती करने वाले 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने सार्वजनिक स्थल पर लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में ये कार्रवाई की गई है। जिन लोगों पर कार्रवाई की गई है, उनमें से अधिकांश लोग पूर्व महंत परिवार से जुड़े हैं।
पूरे दिन बाबा दरबार में चलती रही ‘पंचायत’
इस कार्रवाई से साफ है कि मंदिर प्रशासन किसी भी किसी भी कीमत पर महंत परिवार को बख्शने के मूड में नहीं है। कहा जा रहा है कि शुक्रवार को बाबा दरबार में सुबह से रात तक हलचल होती रही।
महंत परिवार की ओर से शहर के कुछ मानिंद लोग और राजनैतिक पार्टी के नेताओं ने जिला प्रशासन से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। उन्होंने कहा कि पूर्व महंत द्वारा सप्त ऋषि आरती करने का मामला न्यास परिषद में रखा जाएगा।
राजघराने के अर्चकों ने मांगी आरती
एक तरफ महंत परिवार से जुड़े अर्चक जिला प्रशासन के आगे घुटने नहीं टेकना चाहते हैं तो दूसरी ओर राजघरानों से जुड़े अर्चकों ने 24 घंटे के अंदर ही सरेंडर कर दिया। खबरों के अनुसार 9 अर्चकों ने मंदिर प्रशासन से माफी मांगते हुए आरती करने की इजाजत मांगी है। सभी ने गुरुवार को छत्ताद्वार पर हुई घटना को भूलवश बताया। आपको बता दे की आरती में सिंधिया, जामनगर, राजस्थान, मुंशी माधव स्टेट, जूना अखाड़ा , ग्वालियर और नागौर स्टेट कीबोर्ड से नामित अर्चक शामिल हैं।
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