महिला पहलवानों के यौन शोषण का मामलाः बृजभूषण सिंह की अर्जी खारिज
राउज एवेन्यू कोर्ट अब सात मई को आरोप तय करने पर सुनाएगी फैसला
अदालत ने महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले में शुक्रवार को आरोपित भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की अर्जी खारिज कर दी. इस अर्जी में उन्होंने महिला पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न मामले में आगे की जांच की मांग की गई थी. अब दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट प्रियंका राजपूत 7 मई को मामले में आरोप तय करने पर आदेश सुनाएंगी.
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बता दें कि भाजपा सांसद की ओर से आवेदन दाखिल करने के बाद 18 अप्रैल को कोर्ट ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर आदेश टाल दिया था. आवेदन में बृजभूषण सिंह ने आरोप तय करने पर आगे की दलीलें पेश करने की अनुमति मांगी है. साथ ही उन्होंने दिल्ली पुलिस को घटना की तारीख 7 सितंबर 2022 को डब्ल्यूएफआई कार्यालय में उनकी उपस्थिति के बारे में जांच का निर्देश देने की मांग की है. इसके अलावा भाजपा सांसद ने दावा किया कि वह सम्बंधित तारीख को भारत में नहीं थे.
पुलिस ने पिछले माह किया था आरोप पत्र दाखिल
बृजभूषण सिंह की ओर से दिये गये नये आवेदन में सीडीआर रिकॉर्ड में रखने का दिल्ली पुलिस को निर्देश देने की मांग की गई है. उधर, दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एपीपी अतुल श्रीवास्तव ने आवेदन का विरोध किया और कहा कि इसे देरी से दायर किया गया है. शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की ओर से पेश वकील ने कहा कि आवेदन में देरी करने की रणनीति थी और सीआरपीसी की धारा 207 के स्तर पर दस्तावेज मांगे जा सकते थे. बृजभूषण सिंह इस मामले के सह अभियुक्त और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के साथ जमानत पर हैं. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पिछले माह उनके खिलाफ धारा 354, 354 ए, 354 डी और 506 (1) के तहत आरोप पत्र दायर किया था. जबकि एक नाबालिग पहलवान की ओर से बृजभूषण सिंह के खिलाफ दर्ज पोक्सो मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की गई है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यौन उत्पीड़न की कथित घटनाएं 2016 और 2019 के बीच डब्ल्यूएफआई कार्यालय जो बृजभूषण सिंह का आधिकारिक आवास और विदेश में हुईं.
अर्जी खारिज होने से भाजपा सांसद को लगा दोहरा झटका
अर्जी खारिज होने से यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट से दोहरा झटका लगा है. एक ओर दिल्ली की कोर्ट ने उनकी यौन आरोपों की दोबारा जांच वाली अर्जी खारिज कर दी तो दूसरी ओर अब उनके लोकसभा टिकट पर भी संकट पैदा हो गया है. भाजपा सांसद ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोपों की दोबारा जांच की मांग की थी. ऐसे में उन पर अब यौन उत्पीड़न केस में आरोप तय करने का रास्ता साफ हो गया है. भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी चाहती है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफयदि कानूनी कार्रवाई होती है तो वह खुद चुनाव न लड़ें. इसके वजाय वह परिवार के ही किसी सदस्य यानी पत्नी या बेटे को मौका दें. ऐसी स्थिति में अदालत के फैसले के बाद अब लगता है कि बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कट सकता है. बृजभूषण शरण सिंह के तेवर भी इसके संकेत दे रहे हैं. पिछले दिनों उन्होंने टिकट के सवाल पर कहा था कि जो भगवान राम चाहेंगे वही होगा. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में बृजभूषण ने खुद पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप को ही खारिज किया था. कहा था कि जिस दिन छेड़खानी का आरोप एक महिला पहलवान ने उन पर लगाया है, उस दिन वह दिल्ली में ही नहीं थे. अब सात मई को अदालत भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप तय करने का फैसला सुनाएगी.