खाकी के रौब में अंधे पुलिसवालों ने दलित से चटाया जूता

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गुजरात में पुलिस थाने के अंदर एक दलित शख्स के उत्पीड़न की घटना सामने आई है। मामला अहमदाबाद के अमराईइवाड़ी का है, जहां 40 साल के एक दलित ने एससी-एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया है। पीड़ित पर 29 दिसंबर को कथित रूप से एक पुलिसवाले पर हमले का आरोप है। पीड़ित का कहना है कि पुलिस थाने के अंदर उसे जबरन पुलिसवालों के जूते चटाए गए।

पहचान विनोदभाई बाबूभाई के रूप में हुई…

अमराईवाड़ी पुलिस का कहना है कि साईंबाबा नगर सोसायटी के रहने वाले हर्षद जाधव (40 वर्ष) रोजी-रोटी के लिए टेलिविजन सेटों की मरम्मत का काम करते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि साईंबाबा मंदिर के पास स्थित उनके घर के पास 29 दिसंबर को लोगों की भीड़ हंगामा कर रही थी। घटना की जानकारी लेने के लिए हर्षद वहां पर पहुंचे। एक पुलिस अफसर का कहना है, ‘जिस शख्स से हर्षद ने घटना के बारे में जानकारी लेनी चाही, वह कॉन्स्टेबल है। इस दौरान कॉन्स्टेबल से उनका झगड़ा हो गया। बाद में पुलिस कॉन्स्टेबल की पहचान विनोदभाई बाबूभाई के रूप में हुई।

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कॉन्स्टेबल विनोदभाई ने हर्षद पर डंडा चला दिया। हमले से बचने की कोशिश में जाधव की उंगली में चोट आ गई। जब उनकी पत्नी और मां ने विवाद में दखल देने की कोशिश की, तो आरोपी के साथ अन्य लोगों ने बदसलूकी करते हुए अपशब्द कहे। जाधव के परिवार के तीनों सदस्यों को पुलिस स्टेशन पर लाया गया और जाधव को कॉन्स्टेबल पर हमले के आरोप में लॉकअप में बंद कर दिया गया।’ जाधव के मुताबिक विनोद और दूसरे पुलिसवालों ने उन्हें दोपहर में लॉकअप से बाहर निकालकर जाति पूछी। जाधव से कॉन्स्टेबल विनोद के पैर छूकर माफी मांगने को कहा गया। जब जाधव ने नीचे झुकते हुए माफी मांगी, तो वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे विनोद के अलावा थाने में मौजूद सभी पुलिसवालों के जूते चाटने को कहा गया। तकरीबन 15 पुलिसकर्मी इस दौरान थाने में मौजूद थे।

तथ्यों की तस्दीक के लिए जांच की जा रही है

जाधव का कहना है कि जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया, तो जबरन उनसे जूता चटाया गया। इसके बाद जाधव को दोबारा लॉकअप में डाल दिया गया। एलजी अस्पताल में हुई मेडिकल जांच में उनकी उंगली में फ्रैक्चर पाया गया है। पुलिस की कारगुजारी यहीं नहीं रुकी। उन्हें घटना के बारे में जज के साथ ही किसी को न बताने की धमकी दी गई। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि धमकी से डरकर उन्होंने जज के सामने कुछ भी नहीं बताया। जाधव का कहना है कि पुलिस प्रताड़ना की वजह से उनकी पत्नी को भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को सेक्टर-2 के अडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस (एसीपी) ने बताया, ‘जाधव की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। तथ्यों की तस्दीक के लिए जांच की जा रही है।’

(nbt)

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