योगगुरु बाबा रामदेव के कोरोना वायरस की दवा बनाने के दावे का मामला अब अदालत तक पहुंच गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर की एक अदालत में बुधवार को बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ देश को दवा के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए एक परिवादपत्र दायर किया गया है।
कोरोना वायरस दवा बनाने का दावा कर देश को दिया धोखा
मुजफ्फरपुर के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में समाजसेवी और भिखनपुरा निवासी तमन्ना हाशमी ने एक परिवाद पत्र दायर कर पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव तथा पतंजलि संस्था के चेयरमैन आचार्य बालकृष्ण पर आरोप लगाया है कि इन दोनों ने कोरोना वायरस दवा बनाने का दावा कर देश को धोखा दिया है।
आयुष मंत्रालय ने ‘कोरोनिल’ पर उठाए सवाल
परिवादपत्र में कहा गया है कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दवा ‘कोरोनिल टैबलेट’ का ईजाद करने का दावा किया है, आयुष मंत्रालय ने इस पर प्रश्न उठाते हुए इस दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी है।
परिवाद पत्र में कहा गया है कि ऐसा करना ना केवल साजिश के तहत आयुष मंत्रालय को धोखा देना है, बल्कि देश को भी धोखा देना है। इससे लाखों लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
इन धाराओं के तहत बनाए गए आरोपी
परिवादपत्र में बाबा रामेदव और बालकृष्ण को भादंवि की धारा 420, 120बी, 270, 504/34 के तहत आरोपी बनाया गया है।
तमन्ना हाशमी ने बताया कि अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 30 जून की तारीख मुकर्रर की है।
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