कनाडाई प्रधानमंत्री ने रोहिंग्या संकट पर चिंता जताई
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो ने म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे हमलों पर चिंता व्यक्त की और देश के नेतृत्व से हिंसा को खत्म करने का आग्रह किया। ट्रुडो ने यह बात म्यांमार की नेता आंग सान सू की के साथ टेलीफोन पर वार्ता करने के दौरान की।
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कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा संकट सुलझाना नैतिक जिम्मेदारी..
कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार को बताया कि टड्रो ने संकट को सुलझाने में नैतिकता और एक राजनीतिक नेता के रूप में सू की के महत्व पर जोर दिया। साथ ही उन्होने यह भी कहा इस हिंसा को खत्म किया जाना चाहिए यह हमारी नैतिक जिमेदारी हैं
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मजबूत रुख अपनाने की बात कही..
कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री ने म्यांमार के सैन्य और नागरिक नेताओं द्वारा हिंसा समाप्त करने, नागरिकों की सुरक्षा को बढ़ावा देने और संयुक्त राष्ट्र व अंतर्राष्ट्रीय मानवीय मामलों के अधिकारियों तक पहुंच की जरूरत पर मजबूत रुख अपनाने की बात कही।
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म्यांमार बनाने में मदद के लिए कनाडा के समर्थन की पेशकश की
टड्रो ने शांतिपूर्ण और स्थिर म्यांमार बनाने में मदद के लिए कनाडा के समर्थन की पेशकश की, जो कि सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करता है। यह मामला तब सामने तब आया जब रोग्हिया मुसलमानो को घर व देश के लिए जूझना पड रहा है उन्हे उम्मीद थी की भारत इसमे कुछ उनकी सहायता करेगा लेकिन जनसंख्या के आधार पर भारत के हाथ बंधे हुए है
हिंसाग्रस्त राखिने राज्य को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख की राशि देने की बात कही
कनाडा की सरकार ने म्यांमार के पश्चिमी तट पर स्थित हिंसाग्रस्त राखिने राज्य को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख कनाडाई डॉलर (8,10,000 डॉलर) देने की प्रतिबद्धता जताई।
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