इजराइल कर सकता है ईरान के खिलाफ युद्ध में EMP बम का प्रयोग? जानें क्‍या कर सकता है यह बम..

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इजराइल-ईरान के संभावित युद्ध को लेकर पूरी दुनिया चिंता में है. इसी बीच कई विदेशी मीडिया द्वारा यह रिपार्ट प्रकाशित की जा रही है कि अगर ईरान ने युद्ध हुआ तो इजराइल पहली बार EMP बम का प्रयोग कर सकता है. इसके जरिए इजराइल, ईरान की बिजली सेवाओं को ठप करने की काबिलियत रखता है.

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ईरान के सुप्रीम लीडर ने दी चेतावनी

ईरान के सुप्रीम लीडर सय्यद अली होसैनी खामेनेई ने अपने देशवासियों से वादा किया है कि वह सीरिया में अपने दूतावास के हमले का बदला इजराइल से जरूर लेंगे. वहीं इजराइल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर ईरान उनपर हमला करता है तो वह जवाबी कार्रवाई ईरान की धरती पर करेंगे. अमेरिका के राष्ट्रपति ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ईरान के हमले के खतरे को देखते हुए पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है.

ईरान को पाषाण युग में भेज देगा EMP बम

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम को EMP बम या ई-बम के नाम से भी जाना जाता है. यह एक ऐसा हथियार है जो ऊर्जा की एक पल्स बनाने के लिए एक तीव्र विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग करता है. यह बम किसी देश के मनुष्यों या इमारतों को नुकसान पहुंचाए बिना उस देश की बिजली सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने की क्षमता रखता है. यह पल्स अस्थायी रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम को अक्षम कर देता है. बिना बिजली के उस देश की इंटरनेट सेवाओं के अलावा कंप्यूटर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण किसी काम के नहीं रह जाएंगे. बता दें कि मिसाइल, परमाणु बम, डिफेंस सिस्टम समेत रक्षा के अधिकतम उपकरण के प्रयोग के लिये बिजली की जरूरत आवश्यक होती है. यह बम उच्च स्तर की इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को पूरी तरह से नष्ट कर देता है. इस प्रकार के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक बम के प्रयोग से बिना किसी मानवीय क्षति के कोई भी देश को अपंग किया जा सकता है. अबतक किसी भी देश ने इसका प्रयोग सार्वजनिक तौर पर नहीं किया है.
अगर इजराइल ने इसका प्रयोग ईरान के खिलाफ युद्ध में कर दिया तो कुछ समय के लिये वह ईरान को वापस पाषाण युग में भेज देगा.

मनुष्य को नहीं होगी कोई हताहत

विशेषज्ञों के अनुसार EMP बम का प्रयोग करने से वहां की आबादी को कोई खतरा नहीं होगा. हालांकि अभी तक इसका प्रयोग बड़े पैमाने पर नहीं देखा गया है, इसीलिये इसको पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.

किन-किन देशों के पास हैं यह हथियार

कई अमेरिकन रिपार्ट्स ने यह आंशका जताई थी कि रूस और विशेषतौर पर चीन ऐसे हथियारों का निर्माण कर रहा है. वहीं उन्होंने यह चिंता जताई कि अमेरिका के पास इसको रोकने के लिये पर्याप्त विकल्प नहीं है. रिपार्ट में इससे निपटने के लिये अमेरिकन गोवर्नमेंट को जल्द से जल्द कोई कदम उठाने को कहा गया है. वहीं कई विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के पास भी ऐसे हथियार है.
भारत की बात करें तो दूसरे देशों की तरह भारत सरकार या भारतीय सेना ने इसको लेकर कोई पृष्टि नहीं की है. भारत के पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से काली 5,000 को लेकर सवाल पूछा गया था कि क्या यह EMP बम है? इस पर जवाब देते हुए दिवगंत मंत्री ने कहा था कि देश की सुरक्षा के मद्देनजर वह इस सवाल का जवाब नहीं दे सकते.

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