काशी में नमामि गंगे परियोजना के तहत किया गया कैलेंडर 2024 का विमोचन

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नमामि गंगे के परियोजना के अंतर्गत 23 दिसम्बर 2023 को सर्किट हाउस के सभागार कक्ष में वॉल व टेबल कैलेंडर का विमोचन किया गया. श्री सुरेंद्रनाथ त्रिपाठी (आईएएस-आर)  महानिदेशक,  भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), हिमांशु नागपाल (आईएएस), मुख्य विकास अधिकारी, वाराणसी और परियोजना अन्वेषक डॉ. श्यामली सिंह की गरिमामयी उपस्थित के साथ कार्यक्रम को शुरु किया गया. जिला अधिकारी भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये पहुंचे थे.

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“मिश्रित क्षमता निर्माण कार्यक्रम” का हो रहा आयोजन

भारत के प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व में राष्ट्रीय गंगा परिषद ने गंगा नदी के सामने आने वाली बहुमुखी चुनौतियों का समाधान करने के लिए महत्वपूर्ण पहल राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और नमामि गंगे कार्यक्रम शुरू किया है. प्रदूषण और मानवीय गतिविधियों ने नदी के स्वास्थ्य और इस पर निर्भर लोगों की आजीविका के लिए काफी खतरा पैदा कर दिया है. यह प्रयास नई दिल्ली में स्थित आईआईपीए द्वारा गंगा नदी के लोगों के लिए “मिश्रित क्षमता निर्माण कार्यक्रम” का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य गंगा संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल के साथ लोगों को सशक्त बनाना है. यह लोगों के बीच स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना पैदा करना चाहता है, उन्हें प्रदूषण नियंत्रण, पारिस्थितिक संरक्षण और गंगा नदी के समग्र कायाकल्प में ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है.


36 स्कूलों की 108 प्रविष्टियां में शीर्ष 12 का हुआ है चयन

परियोजना में शामिल लोगों के प्रयासों की सराहना करने के लिए हर साल टेबल और वॉल कैलेंडर का विमोचन किया जाता है. इसी को जारी रखते हुए, इस वर्ष भी वॉल और टेबल कैलेंडर 2024 का विमोचन किया गया है.
टेबल कैलेंडर उन स्कूली छात्रों के पोस्टरों पर प्रकाश डालता है जो 2023 में आईआईपीए के साथ जुड़े थे. क्षमता निर्माण कार्यक्रम के लिए 2023 में कुल 36 स्कूलों से संपर्क किया था गया था. जिसमें से कुल 108 प्रविष्टियां प्रस्तुत की गई और शीर्ष 12 को इस वर्ष के टेबल कैलेंडर में शामिल करने के लिए चुना गया है. यह प्रविष्टियां माउंट लिटेरा ज़ी स्कूल (मुर्शिदाबाद), नरूला पब्लिक स्कूल (हुगली), नेवी चिल्ड्रेन एकेडमी (चाणक्यपुरी) आदि अनेक स्कूलों से आई. पोस्टर प्रतियोगिता दो विषयों पर आधारित थी- गंगा नदी की जैव विविधता और गंगा नदी के आसपास की आजीविका. इन्हीं दो पैमानों पर शीर्ष पोस्टरों का चयन किया गया है.

देव-दीपावली व बनारस के घाटों के छवि को भी किया गया है शामिल

वॉल कैलेंडर 2024 देव दीपावली की थीम पर केंद्रित प्रोजेक्ट टीम के फील्ड दस्तावेजीकरण को मान्यता देता है. इस वर्ष, टीम ने देवदीपाली का दस्तावेजीकरण करने के लिए वाराणसी का दौरा किया था. इसमें सभी घाटों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है. इनमें से अस्सी घाट, भदैनी घाट, जानकी घाट जैसे उल्लेखनीय घाटों की चुनिंदा छवियों के साथ-साथ घाटों के आसपास के क्षेत्र के दृश्यों को इस साल के वॉल कैलेंडर में शामिल किया गया है.

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