जनता अपनी क्षेत्रीय समस्यों को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटते काटते चप्पल घिस जाती है। सरकारी दफ्तरों का हाल और सुस्त मिजाजी किसी से छिपी नहीं है।
इस सुस्त मिजाज से आम लोग ही नहीं बल्कि मंत्री भी अछूते नहीं हैं। कुछ यही हाल हुए सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर पीडल्यूडी विभाग से गुहार लगाते लगाते थक गए।
लेकिन उनके गांव की सड़क नहीं बनी। जिसके बाद उन्होंने खुद फावड़ा उठाया और गांव वालों की मदद से सड़क बनाने में जुट गए।
खस्ताहाल पड़ी सड़क की मरम्मत कराने को लेकर सैकड़ों शिकायतें की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूर होकर हाथ में फावड़ा उठा कर खुद ही सड़क बनाने में लग गए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के पुत्र अरविंद राजभर की शादी 21 जून को हुई थी। इससे पहले 500 मीटर सड़क बनाने के लिए लगभग छह माह से प्रस्ताव दिए थे, लेकिन किसी ने कोई सुध नही ली। 24 जून को मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपने घर फत्तेहपुर खौदा पोस्ट कटौना सिंधौरा वाराणसी में प्रीति भोज है।
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जाहिर सी बात में इस कार्यक्रम में बड़े बड़े माननीय मंत्रियों का भी बुलावा है। लेकिन सड़क की जर्जर हालात समारोह में रोड़ा अटका रहा है। इसके लिए राजभर ने कई बार शिकायत की लेकिन हालात ढाक के तीन पात हैं।
वीवीआईपी मेहमानों को इस सड़कों पर न गुजरना पड़े इसलिए राजभर ने हाथ में फावड़ा उठाया और सड़क की मरम्मत में लग गए। इस काम में उनके दोनो बेटे अरविंद राजभर और अरुन राजभर शामिल हो गए। करीब घंटों तक वो सड़क पर फावड़ा चलाते रहे।
अब आप इसी से अंदाजा लगा सकते है जब कैबिनेट मंत्री की शिकायत पर विभाग अनसूनी कर रहा है। जबकि क्षेत्रीय समस्या है इससे गांव के लोगों को रोजाना ही दो चार होना पड़ता होगा। ऐसे न जाने कितनी ही अर्जियां और शिकायतें सरकारी विभागों की चौखट पर दम तोड़ देती हैं लेकिन समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। आप इसी से अंदाजा लगा सकते है जब कैबिनेट मंत्री का ये हाल है तो आम जनता तो राम भरोसे है।
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