पीएम के गांव में फेल हो रहा सर्वशिक्षा अभियान

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पूरे देश में पीएम मोदी तो सर्वशिक्षा अभियान का ढिढोरा पीट रहे है लेकिन उनके खुद के गांव के स्कूल में ही सुविधाओं का टोटालगा हुआ हैं। जी हां हम बात कर रहे पीएम मोदी के गोद लिये वाराणसी से12 किलो मीटर गांव की। जहां प्राथमिक विद्यालय की जहां स्कूल में बच्चों के पीने के पानी तक की व्यवस्था तक नहीं है। एक तरफ तो सरकार शिक्षा अभियान के नाम पर करोड़ो खर्च कर रहीं है।
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खुद पीएम  के गांव में ही बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। सरकार के लाख चाहने के बावजूद भले ही जिम्मेदार अधिकारी सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के दावे करते हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है। हमारी पड़ताल में ऐसा स्कूल सामने आया है जहां पीने का पानी नहीं है।
मरम्मत ना होने के कारण वर्षो से खराब पड़ा है
मामला वाराणसी जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित PM मोदी के गोद लिए आदर्श गाँव ककरहिया का है जहां पूर्व माध्यमिक विद्यालय में तो बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था ही नहीं है।इस स्कूल में बच्चों को पानी पीने के लिए स्कूल से बाहर जाना पड़ता है। यहीं नहीं, कई बच्चे अपने घर से पानी की बोतल साथ लाते हैं और खत्म हो जाने पर प्यासे ही रहकर दिन गुजारते है। क्योंकि एक मात्र हैडपंप जो मरम्मत ना होने के कारण वर्षो से खराब पड़ा है।
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अब ऐसे में शौचालय का क्या हाल होगा ये तो आप सोच सकते हैं। उधर, अभिभावकों का कहना है कि ऐसे हालात में हम अपने बच्चों को यहां पढ़ाने की कैसे सोंचे। यदि पेयजल व्यवस्था सुचारू नहीं होती है तो मजबूरन उन्हें बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाना पड़ेगा। प्रधानाचार्य अज़ीम मोहम्मद खान ने कहा कि  स्कूल में पानी की सुविधा रहे इसके लिए कई बार विभागीय लिखा-पढ़ी करने के बाद भी स्कूल का बिगड़ा हुआ हैंडपंप सही नहीं कराया जा रहा है।
स्कूली बच्चों को पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा
बच्चे और अध्यापक पानी के लिए तरस रहे हैं। बच्चों की प्यास बुझाने के लिए दूसरे के घरों से मांगकर बाल्टी -बाल्टी पानी लाया जाता है।बहरहाल पानी की समस्या के समाधान के लिए गांव में पाइप लाइन का जाल बिछाया जा रहा है संभवत अगले माह में पानी की समस्या दूर हो जाएगी लेकिन तब तक स्कूली बच्चों को पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा।
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