मोदी : भारत, अमेरिका के बीच रोजगार के व्यापक अवसर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक(business) भागीदारी में विशाल अवसर हैं और अगले कुछ दशकों में यह कई अरब डॉलर का होगा, जिससे दोनों समाजों में नए रोजगार के व्यापक अवसर पैदा होंगे।

मोदी ने अपने अमेरिका दौरे के दौरान रविवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित एक लेख में कहा, “एक जुलाई को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो रहा है, जो देश को एक झटके में 1.3 अरब लोगों के एक एकीकृत, महाद्वीप-आकार के बाजार में परिवर्तित कर देगा। भारत में यह परिवर्तन अमेरिकी व्यवसायों के लिए व्यावसायिक और निवेश के व्यापक अवसर मुहैया कराएंगे।”

दोनों देशों के बीच सालाना लगभग 115 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है।

मोदी ने कहा, “भारतीय कंपनियां अमेरिका में विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के लिए काम करती हैं, जिसमें लगभग 15 अरब डॉलर का कुल निवेश किया गया है और अमेरिका के 35 से अधिक राज्यों में इनकी मौजूदगी है, जिसमें रश्ट बेल्ट भी शामिल है। इसी तरह से अमेरिकी कंपनियों ने भी भारत में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है।”

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मोदी ने भारत की तेजी से बढ़ती विमानन आवश्यकताओं पर बल दिया और गैस, परमाणु, स्वच्छ कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षों में, भारतीय कंपनियां अमेरिका से 40 अरब डॉलर से अधिक का ऊर्जा आयात कर विमानों को अपने निजी बेड़े में शामिल करेंगी।”

उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी, नवाचार और कुशल श्रमिकों के संयोजन से दोनों देशों के बीच एक रोमांचक डिजिटल और वैज्ञानिक साझेदारी बनाने में मदद मिली है।

मोदी की यह टिप्पणी ऐसे वक्त में आई हैं, जब भारतीय इंजीनियरों को एच 1-बी वीसा प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

मोदी की मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) ट्रंप से मुलाकात होनेवाली है।

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