Buddha Purnima 2024: बुद्धपूर्णिमा आज, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…

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Buddha Purnima 2024: आज वैशाख पूर्णिमा की पूर्णिमा है, जिसे बुद्ध पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है. बुद्ध पूर्णिमा को ईश्वर की कृपा पाने का एक विशेष अवसर माना जाता है. बुद्ध पूर्णिमा ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. माना जाता है कि, इस दिन चंद्रमा की सबसे बड़ी समस्याएं हल की जा सकती हैं. वैशाख भारतीय पंचांग में वर्ष का दूसरा महीना होता है, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि पूजा करने के लिए बहुत शुभ मानी जाती है, इसलिए इस दिन ईश्वर की उपासना और ध्यान करना शुभ है. महात्मा बुद्ध की जयंती भी है. आइए बुद्ध पूर्णिमा की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त का महत्व बताते हैं.

शुभ मुहूर्त

वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त 23 मई को सुबह 4 बजे 4 मिनट से सुबह 5 बजे 26 मिनट तक है.

पूजन विधि

माना जाता है कि, बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना बहुत फायदेमंद होता है. इसदिन भगवान विष्णु के सामने घी का दीपक जलाएं. उन्हें फूल, फल और मिठाई अर्पित करें, उनके पसंदीदा भोजन दें और फिर श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें.

स्नान-दान की विधि

बुद्ध पूर्णिमा पर सवेरे-सवेरे स्नान करने का प्रण करें, जल को सर लगाकर प्रणाम करें और फिर स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. साफ वस्त्र या सफेद कपड़े पहनें. इसके बाद में मंत्र जाप करें. मंत्र जाप करने के बाद सफेद सामग्री और जल दान करें. इस दिन आप चाहें तो जल और फल खाकर उपवास कर सकते हैं. इस दिन अपनी क्षमता के हिसाब से गरीबों और असहाय लोगों को सहयोग करना अनिवार्य है.

बुद्ध पूर्णिमा का क्या है महत्व ?

श्रीहरि ने वैशाखी पूर्णिमा को कच्छप में अवतार लिया था, हरि का यह जन्म भगवान बुद्ध के रूप में हुआ था. बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी और निर्वाण भी प्राप्त हुआ था. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने और दान करने से विशेष कृपा मिलती है, चंद्रमा मजबूत होता है, तो जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने से कई बीमारियाँ दूर हो सकती हैं. इस दिन भगवान शिव को शिवालयों में जलमग्न किया जाता है, बुद्ध पूर्णिमा पर दान और स्नान भी बहुत महत्वपूर्ण हैं.

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बुद्ध पूर्णिमा पर क्या-क्या करें दान ?

बुद्ध पूर्णिमा पर विष्णु पूजन करने के बाद पानी से भरा घड़ा और कुछ पकवान दान करना चाहिए. यह कहा जाता है कि, इस दिन मिट्टी के घड़े देना गौदान के समान है. इस दिन पितृगण को पंखा, जल से भरा मिट्टी का घड़ा, चप्पल, छतरी, अनाज या फल देने से प्रसन्न होते हैं. आप मौसमी फलों का दान करना, पीले वस्त्रों का दान करना और तपती गर्मी में प्यासों को पानी पिलाना भी कर सकते हैं.

 

 

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