मायावती ने इस सांसद को बसपा से किया निष्कासित

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पार्टी में अनुशासन और कानून तोड़ने वालों के खिलाफ का संदेश देने के लिए बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा सांसद मुनकाद अली के बेटों को पार्टी से निकाल दिया। साथ ही मुनकाद को भी चेतावनी दी कि कार्रवाई का बुरा लगा तो वह भी पार्टी से अलग होने के लिए स्वतंत्र हैं। मायावती ने बसपा के सभी निर्वाचित लोगों को सख्त हिदायत दी है कि कानून के दायरे में रहकर जनता की सेवा करें।

विधायकों को कानून हाथ में लेने पर जेल भी भिजवाया था

1गुरुवार को अपने आवास पर मीडिया से वार्ता में उन्होंने बताया कि बसपा सत्ता में रहे या बाहर, अपने किसी छोटे बड़े किसी कार्यकर्ता या नेता को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं देती है। बसपा किसी पर न जुल्म ज्यादती न होने देती है और न ही करने देती है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सरकार में रहते समय एक सांसद और कई विधायकों को कानून हाथ में लेने पर जेल भी भिजवाया था।

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इसी नीति पर चलते हुए ही राज्यसभा सदस्य मुनकाद अली के बेटों को बसपा से निकाला है। मुनकाद के बेटे की पत्नी, हाल में बसपा के टिकट पर मेरठ में किठौर नगर पंचायत की अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। उनके बेटों पर दुकान को कब्जाने व दलित की दुकान में तोड़फोड़ में शामिल होने का आरोप है। मायावती ने कहा कि मुनकाद अली पार्टी के पुराने व समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं। उनको कार्रवाई का बुरा लगता है तो वो भी बसपा में रहने या न रहने के लिए स्वतंत्र हैं। यदि मुनकाद पुत्र मोह से हटकर पार्टी के फैसले का स्वागत करते हैं तो आगे भी हर स्तर पर आदर व सम्मान दिया जाएगा। नगर निकाय चुनाव में निर्वाचित बसपा कार्यकर्ता अन्य दलों के नेताओं की तरह से आचरण न करें।

भाजपा व कांग्रेस को सियासत नहीं करनी चाहिए

बसपा प्रमुख ने डॉ. अंबेडकर परिनिर्वाण दिवस का अवकाश निरस्त करने की निंदा करते हुए कहा कि भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता का यह एक नमूना है। बाबा साहब से जुडे स्मारकों व पार्क आदि उपेक्षा कर रही भाजपा सरकारों व खासकर प्रधानमंत्री मोदी की नीयत का कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने ओबीसी आरक्षण संबंधी बयान पर भाजपा नेतृत्व से जनता से माफी मांगने को कहा। 1अयोध्या विवाद न्यायालय पर छोड़ें : बसपा प्रमुख ने अयोध्या विवाद गर्माने की वजह धुव्रीकरण की राजनीति बताया और कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर भाजपा व कांग्रेस को सियासत नहीं करनी चाहिए।

(साभार -दैनिक जागरण)

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