मायवती ने नसीमुद्दीन और उनके बेटे को पार्टी से निकाला
पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती पार्टी में लगातार बदलाव कर रही हैं। मायावती ने पार्टी के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी से बाहर कर दिया है। एक समय था जब मायावती के चार प्रमुख सलाहकार हुआ करते थे। उनमें से एक स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से पहले उनका साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। अब हार का के बाद मायावती ने नसीमुद्दीन पर गाज गिराई है और बेटे संग उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और मायावती के सबसे करीबी सतीश मिश्रा ने बुधवार को लखनऊ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये ऐलान किया। सतीश मिश्रा ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सिद्दीकी पर पार्टी की छवि खराब करने का आरोप लगाया।
सतीष मिश्रा ने दावा किया, नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति और बूचड़खाने लगाए हैं। नसीमुद्दीन ने लोगों से बीएसपी की सरकार के नाम पर पैसे लिए। इतना ही नहीं सतीश मिश्रा ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया। साथ ही उनके बेटे अफजल सिद्दीकी पर भी पार्टी के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। सतीश मिश्रा ने साफ तौर पर कहा कि अवैध रूप से धन की वसूली की और वो भ्रष्टाचार में लिप्त रहे।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी बहुजन समाज पार्टी का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा रहे हैं। बसपा की स्थापना के चार साल बाद ही 1988 में वो पार्टी से जुड़ गए थे। इसके बाद 1995 में मायावती की सरकार बनने पर वो कैबिनेट मंत्री बने। मायावती सरकार में कई बार मंत्री रहे नसीमुद्दीन फिलहाल बसपा के राष्ट्रीय महासचिव थे।
नसीमुद्दीन के बेटे अफजल सिद्दीकी ने 2017 विधानसभा चुनाव में बढ़ चढ़कर प्रचार किया। अफजल ने मुस्लिम समाज के बीच जमकर पार्टी के लिए प्रचार किया था।