भारी पड़ा कार्यकर्ताओं का प्यार, सिक्के से तौलाई दौरान हादसे का शिकार हुई बसपा प्रत्याशी

तमगा टूटने से हुआ बड़ा हादसा...

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लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पंजाब के चंड़ीगढ से बसपा प्रत्याशी डॉ. ऋतु सिंह को उनके कार्यकर्ताओं का प्यार काफी महंगा पड़ गया. दरअसल, बीते सोमवार को ऋतु को चुनाव प्रचार के दौरान एक कालोनी में कुछ कार्यकर्ता सिक्के से तौल रहे थे. इस दौरान एक तमगा में ऋतु को बैठाया गया था और दूसरे में सिक्के रखे जा रहे थे. तभी लकड़ी का तमगा टूटने से ऋतु बुरी तरह से जख्मी हो गयी. बताया जा रहा है कि, उनके सिर में गहरी चोट लगी है. हादसे के बाद उपचार के लिए उन्हे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. जिसमें उनके सिर में कुछ टांके भी लगे है, हालांकि, उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया .

अंतिम चरण में पंजाब में होगा मतदान

1 जून को यानी सातवें व अंतिम चरण में पंजाब में मतदान किए जाएंगे. राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार है, जिसमें 13 लोकसभा सीटें हैं. यहां AAP और कांग्रेस ने मिलकर एक उम्मीदवार उतारने पर समझौता नहीं हो पाया है. 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने सबसे अधिक 8 सीटें जीतीं थी, वही बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल दो-दो सीटों पर जीते. आम आदमी पार्टी ने एक सीट जीती. कांग्रेस ने 40.6 प्रतिशत, SAD ने 27.8 प्रतिशत, बीजेपी ने 9.7 प्रतिशत और AAP ने 7.5 प्रतिशत वोट पाए।

पंजाब में बीजेपी को कठिन चुनौती

पंजाब में बीजेपी की कड़ी परीक्षा है, पंजाब में बीजेपी और अकाली दल ने मिलकर 13 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि 2 अकाली और 2 बीजेपी की जीत हुई. किसान आंदोलन के दौरान अकाली दल अब एनडीए में नहीं है और चुनाव अकेले लड़ रहा है. यानी बीजेपी 28 साल बाद चुनाव अकेले लड़ रही है, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अकाली दल बीजेपी को चुनौती दे रहे है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है, इसलिए आप से सीधा मुकाबला है.

इस बार मैदान में अकेली लड़ रही बीजेपी

पंजाब में बीजेपी लोकसभा चुनावों में पहली बार अकेले चुनाव लड़ रही है. इस पर विवाद हो सकता है कि शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन तोड़ना पार्टी की रणनीति थी या अकालियों के साथ समझौता ही नहीं हो सका. पर इसमें कोई संदेह नहीं है कि पार्टी अब इस राज्य में बिना किसी सहारे के अकेले खड़ा होना चाहती है. जिस तरह दूसरे दलों के मजबूत लोगों को पार्टी में शामिल करके चुनाव लड़ाया जा रहा है, यह उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है. लेकिन सवाल यह है कि क्या इस तरह बीजेपी पंजाब में फतह हासिल कर लेगी. जैसी परिस्थितियां बन रही हैं.

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चुनावी मैदान में अकेले मुकाबला कर रही बीजेपी

इस बार पंजाब में बीजेपी पहली बार अकेले चुनाव लड़ रही है. इस बात पर बहस हो सकती है कि शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन तोड़ना पार्टी की रणनीति थी या अकालियों के साथ समझौता ही नहीं कर सका. हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पार्टी अब इस राज्य में अकेले खड़े होना चाहती है, बिना किसी सहारे के. यह उसका स्पष्ट प्रमाण है कि दूसरे दलों के मजबूत लोगों को पार्टी में शामिल करके चुनाव लड़ाया जा रहा है. लेकिन प्रश्न यह है कि क्या बीजेपी पंजाब में इस तरह विजयी होगी?

लेकिन जिस प्रकार के हालात हैं, ऐसे में लगता नहीं है कि, बीजेपी कुछ खास कमाल कर पाएगी. इसको लेकर खुद पंजाब के बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ कहते हैं कि, ” यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए एक अहम कदम है. उनका दावा है कि पार्टी इस बार अपने वोट शेयर में काफी सुधार करेगी और 2027 के चुनावों में जीत हासिल करेगी.”

 

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