‘ब्लू व्हेल चैलेंज’ को हराकर जीती जिंदगी

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ब्लू व्हेल चैलेंज’ गेम यानी मौत का कुआं। इसमें जो भी फंसा, वापस नहीं निकल सका। वजह, बाहर आने का कोई रास्ता नहीं बचता। पूरी दुनिया परेशान है। हर टास्क के साथ खेलने वाला किशोर और युवा मौत की तरफ बढ़ता जाता है और अंत में खुद की जान लेकर विनर बनता है। लेकिन, इस खतरनाक चक्रव्यूह को उप्र स्थित बरेली के सत्रह वर्षीय शुभम ने तोड़ डाला।

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मानसिक दृढ़ता से यह खेल आसानी से छोड़ा जा सकता

अपनी हिम्मत के दम पर खूनी खेल को बीच में ही छोड़ दिया। शुभम का कहना है कि खेल को कुछ इस तरह गढ़ा गया है कि वह खेलने वाले के दिमाग पर हावी हो जाता है। हालांकि, यह सिर्फ भ्रम और दबाव पर टिका है। मजबूत इच्छा शक्ति और मानसिक दृढ़ता से यह खेल आसानी से छोड़ा जा सकता है।टीनएजर्स में चैलेंज स्वीकार करके विनर बनने की जिद बढ़ रही है। इससे इस गेम का शिकार किशोर हो रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने और समय देने की जरूरत है। शुभम ने बताया कि उसने ब्लू व्हेल चैलेंज खेलने के लिए डाउनलोड किया और चार अगस्त को पहला टास्क ‘0079046583964’ मोबाइल नंबर से मैसेज के जरिये मिला। इसमें कलाई पर अच्छे दोस्त को गाली लिखकर 24 घंटे खुली बांह करटहलना था। टास्क पूरा होने पर पांच अगस्त को शुभकामना का मैसेज आया।

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व्हेल की टेल की आकृति ब्लेड से काट कर बनाने का दिया

दूसरा टास्क छह अगस्त को मिला। इसमें सुबह 4.20 बजे हॉरर मूवी ‘हॉन्टेड इन कनेक्टिकट’ ऑनलाइन दिखाई और वीडियो कॉलिंग के जरिये शुभम के चेहरे पर आने वाले इम्प्रेशन भी देखे। टास्क पूरा होने पर सात अगस्त को शुभकामना मैसेज मिला। आठ अगस्त को तीसरा टास्क बांह पर व्हेल की टेल की आकृति ब्लेड से काट कर बनाने का दिया। शर्त यह रखी कि लाइव मूवमेंट के जरिये इसे दिखाना होगा। इस पर शुभम ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। दोपहर को मोबाइल ऑन किया तो ‘यू कैन डन’ के मैसेज आने लगे। इन्कार किया तो परिवार को बर्बाद करने की धमकियां दीं।

साइन आउट नहीं किया जा सकता

इससे वह डिप्रेशन में आ गया। इस गेम को खेलने के बाद साइन आउट नहीं किया जा सकता। शुभम ने अनइंस्टाल कर दिया, तो मोजिला पर जो भी सर्च करता उसकी जगह ब्लू व्हेल चैलेंज ही आता। इसके बाद एक नंबर से मैसेज आया, जिसे ट्रू-कॉलर पर सर्च किया तो पता चला कि पहला अक्षर सात रूस का कोड है। इसके बाद 15 अगस्त की रात को मोबाइल री-सेट कर दिया। इसके बाद कोई मैसेज नहीं आया। ब्लू व्हेल चैलेंज को हराने वाले शुभम का कहना कि जो भी लोग इसे खेल रहे हैं। वह डरें नहीं, बल्कि दोस्तों और माता-पिता को बताएं। एडमिनिस्ट्रेटर सिर्फ टॉर्चर कर सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ नहीं कर सकता। जो लोग डर जाते हैं। वही अपनी जिंदगी के लिए खतरा बनते हैं।

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