योगी के मंत्रिमंडल से बाहर होंगे खराब प्रदर्शन वाले मंत्री, नए चेहरे होंगे शामिल!

0

भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों ने रविवार को एक के बाद एक तीन उच्च स्तरीय बैठकें कीं। वहीं चौथी बैठक सोमवार की सुबह सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हुई और फिर वह सीधे दिल्ली निकल गए। राज्‍य में अटकलों का बाजार गर्म है कि वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए योगी मंत्रिमंडल में जल्‍द ही व्‍यापक बदलाव हो सकते हैं।बीजेपी की पहली बैठक पार्टी मुख्यालय में हुई।

बीजेपी वर्ष 2014 की तरह ही 2019 में भी वापसी चाहती है

इसमें प्रदेश के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय, पार्टी के सभी महासचिव, सचिव, और संगठन मंत्री सुनील बंसल भी उपस्थित रहे। रविवार की देर रात तक चली बैठक में कैराना और नूरपुर में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी चर्चा की गई। वहीं सीएम आवास में हुई बैठक में बीजेपी कोर कमिटी के सदस्य शामिल हुए। कर्नाटक चुनाव होने के बाद और वहां से प्रचार करके लौटे सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी वर्ष 2014 की तरह ही 2019 में भी वापसी चाहती है।

Also Read :  हरियाणा मंत्री : ‘बदल दीजिए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम’

2019 में धुआंधार वापसी के लिए ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 18 मई को पार्टी के टॉप लीडर्स की बैठक बुलाई है। संगठन के मंत्रियों ने चर्चा की कि मंत्रिमंडल में बदलाव करके पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए। सरकारी निगमों में खाली पड़ीं 350 सीटों को भरने पर चर्चा हुई। निगमों में ऐसे लोगों को पद देने की बात हुई जिन्हें 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल पाया या उन्हें पार्टी में कोई पोजिशन नहीं दी गई। कोर कमिटी ने यह भी फैसला लिया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक के 60 पद हैं

दलितों को लुभाने के लिए काम किया जाए। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के विभिन्न विंग के प्रभारी भी घोषित किए। महिला मोर्चा का प्रभार रंजना उपाध्याय, युवा मोर्चा की जिम्मेदारी अशोर कटारिया और किसान मोर्चा पंकज सिंह को दिया गया। सरकार में बदलाव भी पार्टी का टॉप अजेंडा है। प्रदेश में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों तक के 60 पद हैं। इनमें से अभी सिर्फ 47 मंत्री बनाए गए हैं। 13 पद अभी भी खाली हैं। सूत्रों की मानें तो इन 13 पदों पर एमएलसी और एमएलए को मंत्री बनाया जा सकता है।

बीएसपी और एसपी के गठबंधन के बाद ओबीसी और दलित वोटर्स को कैसे लुभाया जाए उस पर चर्चा की गई। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कोर कमिटी के बैठक के बाद बताया कि प्रदेश में निगम, आयोग और तमाम बोर्ड के 350 पद खाली पड़े हैं। इनके पदों पर जल्द ही प्रभार दिया जाएगा। वहीं अच्छा प्रदर्शन न करने वाले मंत्रियों को भी हटाने पर चर्चा हुई। जल्द ही मंत्रिमंडल में पिछड़ा और अनुसूचित जाति के नए चेहरे शामिल हो सकते हैं।

nbt

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More