क्या कमलनाथ बनेंगे MP कांग्रेस के अध्यक्ष? दिग्गी पर सबकी निगाहें

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों में हलचल शुरू हो गई है। अब भाजपा के बाद कांग्रेस में भी प्रदेश अध्यक्ष बदलने की तैयारी की जा रही है। कहा जा रहा है कि वरिष्ठ नेता और सांसद कमलनाथ का नाम प्रदेश अध्यक्ष की लिस्ट में सबसे आगे है।

सिंधिया-कमलनाथ की राहुल से इस विषय पर लंबी चर्चा भी हुई है

वहीं, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे पर प्रस्ताव पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दिया गया है। सिंधिया-कमलनाथ की राहुल से इस विषय पर लंबी चर्चा भी हुई है।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह नर्मदा यात्रा से लौटे हैं। कहा जा रहा है कि उनसे चर्चा के बाद ही अध्यक्ष बदलने पर फैसला लिया जाएगा। वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा को भी पार्टी में को-ऑर्डिनेशन संभालने की भूमिका मिल सकती है। बताया जा रहा है कि बाकी चुनावों की तरह पार्टी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के लिए किसी का नाम प्रोजेक्ट नहीं करेगी।

कांग्रेस का बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पर वार…

उधर, भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के पदभार संभालते ही कांग्रेस ने हमला बोल दिया. नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने समझौते के तहत राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान दी है. अभी वे प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए हलके हैं.उनके इस बयान पर राकेश सिंह ने भी पलटवार किया। नेता प्रतिपक्ष अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की बात करते तो ठीक होता लेकिन वो छोटी बात कर रहे हैं। उन्हें व्यक्तित्व सुधारना चाहिए।

क्या रहेगा दिग्विजय पर दांव?

दिग्विजय सिंह की 3,300 किमी. लंबी नर्मदा परिक्रमा 9 अप्रैल को संपन्न हुई. दिग्विजय ने इस तीर्थयात्रा के दौरान कोई राजनैतिक टिप्पणी नहीं की। लेकिन अब कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इस चतुर राजनीतिज्ञ की अगली चाल पर नजरें गड़ाए हैं।

गुटों के बीच मतभेद के तीखे होने की गुंजाइश है

लेकिन उसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री की राजनीति की दुनिया में वापसी से कांग्रेस में उस उलझन पर भी कुछ रोशनी पड़ने की उम्मीद है कि इस साल अक्तूबर में तय विधानसभा चुनावों में क्या पार्टी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का ऐलान करे या नहीं?गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तो मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा के पक्ष में हैं लेकिन दिग्विजय ऐसा नहीं चाहते। दिग्विजय की मौजूदगी से प्रदेश कांग्रेस में विभिन्न गुटों के बीच मतभेद के तीखे होने की गुंजाइश है।

aajtak

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