दलितों पर जुल्म करने वाली BJP को जंयती मनाने का हक नहीं : BSP सुप्रीमो
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के बाबा साहेब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती मानने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि दो अप्रैल के भारत बंद की आड़ में आंबेडकर के अनुयाइयों पर जुल्म ज्यादती व गिरफ्तारियां कराने वाली भाजपा को बाबा साहेब की जयंती मनाने का कोई नैतिक हक नहीं रह गया।
संवैधानिक अधिकार छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती
उनका कहना है कि जयंती मनाने का हक तब मिल सकेगा जब मोदी सरकार अर्से से लंबित पदोन्नति में आरक्षण विधेयक को पारित कराए। बुधवार को जारी बयान में मायावती ने कहा कि भाजपा बाबा साहेब का नाम लेने की नाटकबाजी तो करती है परंतु उनके अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म ज्यादती करते व संवैधानिक अधिकार छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती है।
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डा.आंबेडकर का नाम उन्हें मजबूरीवश लेना पड़ता है। बसपा प्रमुख ने कहा कि दलितों ने सरकारी फर्जी व वक्ती प्रेम और पाखंड़ बहुत देखा है किंतु अब वे संगठित होकर कानूनी हक पाने के लिए संघर्ष करना सीख गए हैं।मायावती ने कहा कि भाजपा को यह समझ लेना चाहिए कि दलितों की आकांक्षाओं को अब ज्यादा दिनों तक दबाया व कुचला नहीं जा सकता।
जयंती को मनाने की नैतिकता प्राप्त हो पाएगी
दलितों को आतंकित करने के लिए भाजपा ने पूरे देश में गिरफ्तारी अभियान चला रखा है। बसपा प्रमुख का कहना था, यदि भाजपा को नेक नीयत का प्रमाण देना है तो दलितों को गांवों में जाकर रात बिताने का ढोंग करने के बजाए चार वर्ष राज्यसभा में लंबित पदोन्नति में आरक्षण बिल का पारित कराए और एससी-एसटी कानून का उसके मूल स्वरूप में रहने दे। ऐसा करने पर ही भाजपा को बाबा साहेब की पवित्र जयंती को मनाने की नैतिकता प्राप्त हो पाएगी।
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