AFSPA हटाने के वादे पर घिरी कांग्रेस, बीजेपी ने उठाए सवाल
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसके मुताबिक अगर कांग्रेस चुनाव जीतकर सत्ता में आती है तो आर्म्ड फोर्स स्पेशल पॉवर एक्ट (AFSPA) में संशोधन किया जाएगा। अपने घोषणा पत्र में AFSPA हटाने के वादे पर कांग्रेस घिर गई है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कांग्रेस अलगाववादी और आतंकवादियों के समर्थन में खड़ी है। एक प्रेस वार्ता में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से सेना को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कांग्रेस अलगाववादी और आतंकवादी के समर्थन में है ये माना जायेगा, प्रत्यक्ष और अपरोक्ष रूप से कांग्रेस इस पर सफाई दे।
क्या है AFSPA?-
बता दें कि AFSPA नगालैंड, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू—कश्मीर में लागू है। AFSPA के तहत सैन्य बल किसी भी संदिग्ध को बिना वारंट गिरफ्तार कर सकता है और किसी भी घर या वाहन की तलाशी ले सकता है। 1958 में भारतीय संसद ने AFSPA लागू किया था। इसे शांति वाले इलाके में लागू करते हैं। इस कानून को खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों के लिए बनाया गया था।
BJP ने खड़े किये गंभीर सवाल-
मंगलवार को कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया कि सत्ता में आने पर सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम (AFSPA) की समीक्षा की जाएगी। कांग्रेस के इस वादे ने एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। इस पर बीजेपी ने गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस खतरनाक वादे कर रही है।
राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं कांग्रेस मैनिफेस्टो-
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ने जो मैनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू—कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है। कांग्रेस ने वादा किया है कि वह सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) 1958 में ‘सुरक्षा बलों के अधिकारों और नागरिकों के मानवाधिकारों में संतुलन बनाने के लिए संशोधन करेगी और जबरन लापता किए जाने, यौन हिंसा और यातना में मिली छूट (इम्युनिटी) को हटाएगी।’
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