लोकसभा चुनाव में मनोज सिन्हा के बूथ पर भी भाजपा हारी
गिरते जनाधार ने उप राज्यपाल के राजनीतिक भविष्य पर लगाया ग्रहण
लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के गढ़ गाजीपुर में भाजपा को करारी हार मिली है. उनके गृह जनपद गाजीपुर व लोकसभा क्षेत्र बलिया में भी भाजपा हार गई. इन सीटों पर विकास पुरुष कहे जाने वाले मनोज सिन्हा का प्रभाव बेअसर हो गया है. मनोज सिन्हा के गिरते जनाधार की बात करें तो बलिया लोकसभा क्षेत्र के मोहनपुरा गांव में एक मतदान केंद्र पर बूथ संख्या 52 पर उन्होंने अपना वोट डाला. इस बूथ पर भाजपा के नीरज शेखर को 149 मत मिले जबकि सपा के सनातन पांडेय 392 मत पाए. कमोवेश यही हाल आसपास की बूथों की थी.
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गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र उनका गढ़ माना जाता है. उन्होंने बेटे के लिए इस सीट पर भाजपा के टिकट की इच्छा जाहिर की थी, जो सम्भव नहीं हुआ तो अपने खास पारस नाथ राय पर दांव लगाया. इसका परिणाम करारी हार के रूप में देखने को मिली. गाजीपुर में अफजाल अंसारी व बलिया से सनातन पांडेय को जीत मिली. दोनों नवनिर्वाचित सांसद सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा थे. बता दें कि 2014 के बाद केंद्र में मंत्री रहते हुए गाजीपुर को केंद्र बनाकर मनोज सिन्हा ने पूरे पूर्वांचल में विकास का अभियान चलाया था. उनके मंत्री रहते 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सात में से पांच सीटें जीत ली थीं, लेकिन 2022 में उनके न रहने से सारी सीटें गंवा दीं.
वर्ष 2019 में ही शुरू हो गई थी उलटी गिनती
गाजीपुर में उनके विकास कार्यों के बल्ब फ्यूज होने की शुरुआत 2019 के लोकसभा चुनाव से ही हो गई थी, जब यहां के लोगों ने तमाम विकास कार्यों के बाद भी मनोज सिन्हा को ही लोकसभा चुनाव हरा दिया था. वर्ष 2022 के विस चुनाव में उनके द्वारा किए गए कार्यों को फिर जनता तक ले जाने की बात हुई और इस पर अमल भी भाजपा ने किया. प्रत्याशी और अन्य पार्टी पदाधिकारी उनके इर्द-गिर्द रहे भी, लेकिन यह सब मिलाकर भी पार्टी की हार को बचाया न जा सका.
मोहम्मदाबाद से अलका राय को भी मिली थी हार
जिस पूर्व विधायक कृष्णानंद राय की जघन्य हत्या को भाजपा अंसारी परिवार और विपक्ष के विरुद्ध पूरे पूर्वांचल में मुद्दा बनाती आई है. मनोज सिन्हा के पारिवारिक संबंधों से जुड़ी कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय का भी 2022 के विधानसभा चुनाव में मुहम्मदाबाद से हार जाना. सदर से मंत्री डा. संगीता बलवंत और जमानियां में सुनीता सिंह की करारी हार पार्टी को सालने वाली रही.
2022 में सपा व सुभासपा का रहा जलवा
गाजीपुर में वर्ष 2012 की तरह ही 2022 के चुनाव में भी सात सीटों पर सपा व सहयोगी दल सुभासपा ने कब्जा जमाया. जहूरादाबाद से सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर और जखनियां से बेदी राम चुनाव जीत गए. वहीं, सपा के ओमप्रकाश सिंह जमानियां, सुहेब अंसारी मुहम्मदाबाद, डा. वीरेंद्र यादव जंगीपुर, अंकित भारती सैदपुर से विजयी रहे. भाजपा की दो महिला विधायक अलका राय व सुनीता सिंह को हार का मुंह देखना पड़ा. वहीं, सदर सीट पर राज्यमंत्री संगीता बलवंत भी चुनाव हार गईं.
भाजपा के इन लोगों को मिली थी पराजय
जिले के इतिहास में वर्ष 2022 में पहली बार सपा-सुभासपा गठबंधन ने भगवा का पूरी तरह से सफाया करते हुए सातों सीटों पर जीत हासिल की थी. राज्यमंत्री संगीता बलवंत, विधायक अलका राय, सुनीता सिंह को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था. सुभासपा ने दो सीटों जहूराबाद व जखनियां में जीत हासिल की थी, जबकि सपा पांच सीटों पर विजयी रही. राज्यमंत्री व सदर सीट से भाजपा प्रत्याशी संगीता बलवंत ने आयोग को पत्र भेजकर मतों की गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाया था.
लोकसभा क्षेत्र बलिया के मोहनपुरा व आसपास के बूथों पर भाजपा को मिले मत
बूथ 49- नीरज 358, सनातन 117
बूथ 50- नीरज 191, सनातन 231
बूथ 51- नीरज 187, सनातन 140
बूथ 52- नीरज 149, सनातन 392
बूथ 53- नीरज 274, सनातन 210
बूथ 54- नीरज 239, सनातन 287
बूथ 55- नीरज 29, सनातन 340