अखिलेश यादव को विरासत में मिली यूपी की सियासत…
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव का राजनीतिक सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। विदेश से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद लौटे अखिलेश ने यूपी की राजनीति में उस वक्त कदम रखा, जब उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने उनके लिए एक मजबूत राजनीति जमीन तैयार कर दी थी। अखिलेश को बस कदम आगे बढ़ाना था। हुआ भी कुछ ऐसा ही।
पिता की राजनीतिक विरासत संभाल रहे अखिलेश यादव 27 साल की उम्र में सांसद बने। इसके बाद 38 साल की उम्र में देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बनने का इतिहास रच दिया।
सियासी माहौर में पले बढ़े अखिलेश ने साल 2000 में कन्नौज लोकसभा उपचुनाव जीतकर अपनी राजनीति पारी का आगाज किया। इसके बाद 2004 और 2009 में लगातार इस सीट पर विजयी हुए लेकिन 2009 में कन्नौज के अलावा फिरोजाबाद संसदीय सीट से भी सीट दर्ज की थी।
सपा अपने इतिहास के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है। मौजूदा हालातों को देखते हुए यह कहा जा सकता हे कि अखिलेश अपने पिता की सियासी विरासत खो रहे हैं। विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान यादव परिवार की कलह 2019 लोकसभा चुनाव में भी साफ नजर आई।
ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या अखिलेश यादव अपने पिता की खोई हुई विरासत को फिर से हासिल कर पाएंगे।
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