सपने, संघर्ष और सफलता की कहानी

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रजत शर्मा की गिनती देश के जानेमाने पत्रकारों में होती है, लेकिन उनके लोकप्रिय कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ उन्हें एक अलग और विशिष्ट पहचान देता है। वे उन चुनिंदा पत्रकारों में से हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अक्सर मिलते रहते हैं। उनका सबसे लोकप्रिय शो ‘आप की अदालत’ जिसमें वे चुटकी लेते हुए अब तक लगभग 750 से अधिक हस्तियों का इंटरव्यू कर चुके हैं। कार्यक्रम की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये पिछले 21 बरसों से टीवी दर्शकों के बीच अपनी ताजगी बरकरार रखने में कामयाब रहा है।

जन्म

रजत शर्मा का जन्म 18 फरवरी 1957 को दिल्ली में हुआ था। सात भाई, एक बहन और माता-पिता यानी दस लोगों के साथ पुरानी दिल्ली में 10×10 के एक छोटे से घर में रहते थे।

गरीबी में जिया बचपन

पहले माना जाता था कि पत्रकार बनना अमीरों का शौक है। लेकिन रजत शर्मा ने इस शौक को अपना मंजिल बनाया और आज मीडिया में खुद का चैनल चला रहे हैं। बेशक आज इनकी गिनती अमीर पत्रकारों में होती है, लेकिन इनका बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा है।

रजत शर्मा ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि वो पाउडर का दूध पीते थे जिसे गर्म पानी में डालकर पीते है। नहाने के लिए वे नगर निगम के नल पर जाते थे। रात में पढ़ने के लिए वे पास के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर जाते थे। उस समय उनके घर में बिजली और पानी की व्यवस्था भी नही हुआ करती थी।

एक घटना ने बदल दी जिंदगी

बचपन में रजत शर्मा के जीवन में एक ऐसी घटना घटी जिसने उनके जीवन को बदलकर रख दिया। 60 के दशक में टीवी सेट कुछ ही घरो में हुआ करते थे। रजत शर्मा के पड़ोसी के पास टीवी हुआ करती था, जहां पर सारा मोहल्ला टीवी देखने के लिए इक्ट्ठा हो जाता था।

एक दिन रजत शर्मा भी जब आठ साल के थे तब मनोज कुमार की ‘शहीद’ फिल्म का पहला भाग उन्होंने अपने पड़ोसी के यहां देखा और दूसरे दिन जब फिल्म का दूसरा भाग देखने गए तब उनके पड़ोसी ने उन्हें अंदर नही आने दिया।

शर्मा जी रोते हुए अपने घर आए। तब उनके पिताजी ने कहा ‘बेटा, तुम किसी दुसरे को देखने के लिए तीसरे के घर में टीवी देखने जाते हो अगर दम है तो तुम कुछ ऐसा करके दिखाओ कि जिससे तुम्हे टीवी देखने की जरूरत न पड़े, बल्कि टीवी पर तुम्हे लोग देखे।’ उस समय उनके पिताजी ने जो बात कही वो रजत शर्मा के दिल को छू गई।

कॉलेज की शुरुआत

हायर सकेंडरी स्कूल में अच्छे अंको से पास होने के कारण रजत जी का एडमिशन दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हो गया। जहां उनके बगल की सीट में वित्त मंत्री अरूण जेटली, रोहिंटन नरीमन, रंजन भट्टाचार्या और अतुल कुंड बैठे थे। यहीं से एक गरीब आदमी बड़े-बड़े लोगों के साथ उठना-बैठना शुरू किया और जिंदगी के कुछ सपने देखे।

पत्रकारिता में पदार्पण

रजत शर्मा ने आनंद वरिष्ठ पत्रकार जनार्दन ठाकुर के अंदर रिसर्चर का काम करते हुए एक रिसर्च आर्टिकल ‘ऑनलुकर’ को भेजी जिसके बदले में उन्हें 300 रुपये  मिले। 400 रुपये एक महीने के कमाने के बजाय आर्टिकल लिखकर कमाना उनको फायदे का सौदा लगा और ‘ऑनलुकर’ में 1982 में कॉरेसपॉन्डेंट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया। तीन साल तक ‘ऑनलुकर’ में काम करने के बाद उन्हें 1985 में ‘ऑनलुकर’  का संपादक बना दिया गया।

आप की अदालत की कहानी

‘संडे ऑब्जर्वर’ में संपादक रहने के दौरान रजत शर्मा के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब दस साल बाद 1992 में फ्लाइट के सफर में उनकी मुलाकात जी ग्रुप के चैयरमैन सुभाष चंद्रा से हुई। सुभाष चंद्रा ने उस समय ‘जी टीवी’ की शुरुआत ही की थी।

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इस मुलाकात में ‘आप की अदालत’ के बारे में चर्चा हुई और 12 फरवरी 1993 को ‘आप की अदालत’ का पहला शो रिकॉर्ड हुआ था। जिसमें आज तक केवल रजत शर्मा ही लोगों को कटघरे में खड़ा करते हैं और उनसे सवाल-जवाब करते हैं।

आप की अदालत के 21 साल

रजत शर्मा ने 2014 में जब ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम की 21वीं सालगिरह मनाई, तब उसमें देश की लगभग सभी प्रमुख हस्तियां मौजूद थी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री उनके कार्यक्रम में आए। ऐसे मौके दुर्लभ ही होते है जब किसी गैर सरकारी कार्यक्रम में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक साथ नजर आए।

इसके अलावा इस कार्यक्रम में खेल, फिल्म, कारोबार, राजनीति, समाज सेवा आदि क्षेत्रों से भी लगभग सभी प्रमुख हस्तियां मौजूद थी। फिल्मी दुनिया के तीनों प्रमुख खान शाहरुख, आमिर और सलमान भी इस कार्यक्रम में नजर आए।

एनबीए के बने अध्यक्ष  

इंडिया टीवी के अध्यक्ष और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को निजी टेलिविजन न्यूज चैनलों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह ‘द न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने वर्ष 2014-15 के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया।

पद्म भूषण से सम्मानित

2015 में रजत शर्मा को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपूर्व योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम के लिए उन्हें कई बार सर्वश्रेष्ठ एंकर के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें इंडियन टेलीविजन एकेडमी का लाइफटाइम एचिवमेंट अवार्ड भी शामिल है।

पसंदीदा टेलीविजन शख्सियत

रजत शर्मा एनडीटीवी समूह के कार्यकारी सह अध्यक्ष डॉ. प्रणय रॉय को सबसे अच्छी टेलीविजन शख्सियत मानते हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में इसका जिक्र करते हुए कहा कि जितने आराम से राय बात करते हैं, उससे उन्हें आज भी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। रजत शर्मा उन्हें देश का ‘फादर ऑफ एंकर्स’ मानते हैं। शर्मा के मुताबिक, राय ने टेलीविजन की दुनिया में काफी योगदान दिया है।

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