कोटा में फंसे छात्रों को यूपी लाने पर बिहार को ऐतराज

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हुए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के सात हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 200 बसें भेजी हैं

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए हुए लॉकडाउन के कारण राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के सात हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए योगी सरकार ने 200 बसें भेजी हैं।

हालांकि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह नाइंसाफी है। छात्रों को लेने के लिए बसें भेजने से लॉकडाउन का महत्व ही खत्म हो जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भी कोटा बस भेजेंगे तो उन्होंने साफ शब्दों में कहना था कि यह लॉकडाउन का माखौल उड़ाने वाला फैसला है।

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संक्रमण के 6 नए मामले सामने आए-

कोटा में रहकर तैयारी करने वाला एक छात्र भरतपुर में संक्रमित मिला है। यह छात्र कोटा की एक कोचिंग में मेडिकल की तैयारी करता है। 13 अप्रैल को कोटा से भरतपुर पहुंचा था। वह जिस हॉस्टल में रहता था, वहां के सभी छात्रों को आइसोलेट किया गया है। छात्र के कमरे को सील कर दिया गया है।

कोटा के मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल डॉ. विजय सरदाना ने बताया कि छात्र की कॉन्टेक्ट हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है। कोटा में शुक्रवार को संक्रमण के छह नए मामले सामने आए। कोटा में अब तक 92 संक्रमित मिल चुके हैं।

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कोचिंग बंद होने से बच्चे फंसे-

राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश के सात हजार से अधिक छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग तथा मेडिकल परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। वहां के विभिन्न कोचिंग सेंटरों में ये छात्र प्रतियोगिता में कामयाबी के गुर सीख रहे हैं। लंबे लॉकडाउन के कारण कोचिंग बंद होने से ये लोग वहां फंसे हैं। इनकी मदद करने योगी आदित्यनाथ सरकार आगे आई है।

सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों का बेड़ा तैयार कर लिया है। इसके लिए आगरा से 100, अलीगढ़ से 72 और इटावा से 75 बसें भेजने का निर्देश दिया गया है।

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मास्क, सैनिटाइजर, खाने-पीने की भी व्यवस्था

बसों की निगरानी की जिम्मेदारी आगरा परिक्षेत्र के आरएम मनोज त्रिवेदी व सर्विस मैनेजर एसपी सिंह को दी गई है। सर्विस मैनेजर खुद अपनी देखरेख में बसों को सैनिटाइज कराने के बाद ही कोटा रवाना कर रहे हैं। सभी ड्राइवरों को मास्क व सैनिटाइजर देने के साथ खाने के इंतजाम की जिम्मेदारी भी दी गई है।

छात्रों को बसों में बैठाने से पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग होगी। इसके बाद उन्हें मास्क देकर बसों में बैठाया जाएगा। किसी भी बस में 35 से ज्यादा छात्र नहीं बैठेंगे। बसों में सुरक्षाकर्मी भी मौजूद हैं। कोटा पहुंचने के बाद बसों से आने वालों छात्रों को उनके इलाकों के अनुसार भेजा जाएगा।

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