जदयू और भाजपा का गठबंधन टूटा, नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा, कहा- बीजेपी ने हमेशा अपमानित किया

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बिहार में एक बार फिर सियासी उलटफेर हो गया है. यहां जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गठबंधन टूट गया है. नीतीश कुमार ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. नीतीश कुमार ने 160 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपकर सरकार बनाने का दावा किया है. राज्यपाल से मिलने के बाद नीतीश कुमार सीधे राबड़ी आवास पहुंचे. यहां पर तेजस्वी यादव भी मौजूद हैं.

कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि महागठबंधन ने नीतीश कुमार को नेता मान लिया है. महागठबंधन के साथ मुख्यमंत्री की बैठक होगी. शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को होगा.

जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. नीतीश ने कहा कि बीजेपी ने हमें खत्म करने की साजिश रची. बीजेपी ने हमेशा अपमानित किया है. बता दें नीतीश कुमार ने यह फैसला अचानक ही लिया है, जिसने बिहार समेत देश भर के लोगों को चौंकाया है.

दरअसल, 20 साल से अधिक समय तक एक-दूसरे के विरोधी रहे नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी 7 साल के भीतर दूसरी बार एक साथ सरकार चलाने जा रही है. नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारी में जुट गए हैं. सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच गठबंधन पर मुहर लग चुकी है और महागठबंधन की सरकार बनने का खाका भी तैयार हो चुका है. महागठंबधन सरकार में नीतीश कुमार ही सीएम रहेंगे और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम रहेंगे.

बताते चले कि आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन ऐसे समय हुआ, जब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला केस में जमानत पर जेल से बाहर हैं और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा है. इससे पहले साल 2015 में आरजेडी और जेडीयू के बीच गठबंधन हुआ था, तब भी लालू प्रसाद यादव जमानत पर जेल से बाहर थे. यह संयोग ही कहा जाएगा कि आरजेडी और जेडीयू दो बार सरकार बनाने को साथ आए और दोनों बार लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर ही थे.

साल 2015 में तो महागठबंधन की सरकार बनाने का पूरा श्रेय लालू यादव को ही जाता है, क्योंकि नीतीश कुमार के साथ गठबंधन का फैसला पूरी तरह से लालू यादव का ही था और उनकी वजह से ही आरजेडी को सीटों में इजाफा हुआ था.

सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों जब लालू प्रसाद यादव पटना के पारस अस्पताल में भर्ती थे तो नीतीश कुमार खुद उनका हाल-चाल जानने पहुंचे थे और कहा था कि सरकारी खर्चे पर इलाज के लिए लालू यादव को दिल्ली भेजा जाएगा.

बता दें बिहार में आरजेडी गठबंधन के पास अभी 114 विधायक हैं. मौजूदा वक्त में आरजेडी की सीटों की संख्या 79 तो जेडीयू के पास 45 विधायक हैं. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 19 है. वहीं, बीजेपी के पास 77 विधायक हैं. सीपीआई (माले) -12, सीपीएम- 2, सीपीआई- 2 और जीतन राम मांझी की हम के पास 4 विधायक हैं.

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