बड़ी सफलता ! भारत में विश्व का पहला 3D रॉकेट लॉन्च…
पहले चन्द्रयान, फिर सूर्ययान के बाद एक बार फिर भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है, जिसके साथ ही भारत ने विश्व का पहला 3D रॉकेट अग्निबाण सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. इसका उद्घाटन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में हुआ है. AgniKul Cosmos एक निजी स्पेस कंपनी चेन्नई में इस सबऑर्बिटल टेक्नोलॉजिकल डेमॉन्सट्रेटर रॉकेट को विकसित कर रहा है. आपको बता दें कि, अग्निबाण रॉकेट में एकमात्र स्टेज का इंजन है, जिसका नाम अग्निलेट इंजन है. यह इंजन थ्रीडी प्रिंटेड है. यह सेमी-क्रायोजेनिक इंजन है, जो छह किलोन्यूटन की शक्ति बनाता है. इस रॉकेट को आम गाइड रेल से नहीं लॉन्च किया गया था. इसने वर्टिकल लिफ्ट ऑफ किया है.
भारतीय वैज्ञानिकों समेत भारत की इस बड़ी सफलता को लेकर अग्निकुल के सह संस्थापक और सीईओ श्रीनाथ रविचंद्रन ने बताया है कि, ”यह एक सबऑर्बिटल मिशन है. अगर यह सफल होता है, तो हम यह जांच पाएंगे कि हमारा ऑटोपॉयलट, नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम सहीं से काम कर रहे हैं या नहीं. साथ ही हमें लॉन्चपैड के लिए किस तरह की तैयारी करनी हो वो भी पता चल जाएगा.”
अलग बनाया गया लॉन्च पैड
अग्निकुल को लॉन्च करने में इसरो ने मदद दी है, उसने श्रीहरिकोटा में एक छोटा सा लॉन्च पैड बनाया है. जो दूसरे लॉन्च पैड से लगभग चार किलोमीटर दूर है. यह लॉन्च पैड कला राज्य की तकनीक से सुसज्जित है और निजी कंपनियों के वर्टिकल टेकऑफ करने वाले रॉकेट्स यहीं से शुरू होते हैं.
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इस कंपनी को आनंद महिन्द्रा ने दी है फंडिंग
देश के प्रसिद्ध उद्योपति आनंद महिंद्रा ने अग्निकुल कॉसमॉस को फंडिंग दी है, अग्निकुल एक अंतरिक्ष स्टार्टअप है जो कुछ युवा उद्यमियों ने मिलकर बनाया है. आनंद महिंद्रा ने लगभग 80.43 करोड़ रुपये का निवेश किया है. आनंद महिंद्रा के अलावा इस परियोजना में पाई वेंचर्स, स्पेशल इन्वेस्ट और अर्थ वेंचर्स ने भी निवेश किया है. साल 2017 में अग्निकुल कॉसमॉस का आयोजन हुआ था, चेन्नई में इसकी स्थापना हुई. आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर एसआर चक्रवर्ती, मोइन एसपीएम और श्रीनाथ रविचंद्रन ने इसे शुरू किया था. 100 किलोग्राम तक की सैटेलाइट्स को अग्निबाण धरती की निचली कक्षा में डाल सकता है.