नई दिल्ली: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव संग उनके पुत्र तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को बड़ी राहत मिली है. लालू यादव और उनके परिवार को रोज एवेन्यू कोर्ट से एक लाख के मुचलके पर जमानत मिल गई है. इस मामले में लालू और तेजस्वी की पहले पेशी हो चुकी है जबकि तेज प्रताप पहली बार कोर्ट में पेश हुए. ED ने 11 आरोपियों के खिलाफ 6 अगस्त को चार्जशीट दायर की थी.
लालू है इसके मास्टरमाइंडः ED
ईडी ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में लालू यादव को मास्टरमाइंड बताया है. इस मामले में चार लोगों की मौत हो चुकी है. कोर्ट ने आज लालू और उनके दोनों बेटों को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दी है. कोर्ट ने कहा की ED ने किसी को गिरफ्तार किये बिना ही सभी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. इसलिए कोर्ट सभी को जमानत देती है.
रेलमंत्री रहते लालू ने किया यह काम…
लालू यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के ग्रुप डी में नियुक्ति की थी. आरोप के अनुसार कहा जा रहा है कि जिन लोगों को नियुक्ति मिली उन लोगों ने लालू के परिवार व उनके करीबी के साथ संबंधित एके इन्फ़ोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम अपनी जमीन कर दी थी. लालू 2004 से 2009 तक देश के रेलमंत्री थे. उस समय का यह कथित घोटाला है. आरोप है कि उन्होंने नौकरी के बदले जमीन ली थी.
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राबड़ी और मीसा को भी जारी हो चुका है समन…
बता दें कि इस मामले में इससे पहले लालू की पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती को समन जारी हो चुका है. ED ने दोनों को 28 फरवरी 2023 को समन भेजा था जबकि ED ने 10 अक्टूबर को 2022 को चार्जशीट दायर की थी. इसमें 16 लोगों को आरोपी बनाया गया था. खास बात यह रही कि इस दौरान लालू के OSD रहे भोला यादव को गिरफ्तार किया गया था.
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गृह मंत्रालय ने दी थी CBI केस चलाने की मंजूरी…
बता दें कि कुछ दिन पहले नौकरी के बदले जमीन मामले में गृह मंत्रालय ने CBI को लालू यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दी थी. वहीं इस मामले में कोर्ट ने कहा था कि इसमें तेज प्रताप की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता .