आप सरकार को बड़ा झटका ! ‘MCD में एल्डरमैन नियुक्त कर सकते हैं LG ‘- सुप्रीम कोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली नगर निगम में एल्डमैन की नियुक्ति मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की आप सरकार को जहां बड़ा झटका दिया है, वहीं उपराज्यपाल को बड़ी राहत दी है. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पामिदीघंटम श्रीनरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार ने फैसला सुनाया. कहा कि, उपराज्यपाल द्वारा एल्डमैन की नियुक्ति की जा सकती है और इस फैसले में एलजी को दिल्ली सरकार की सलाह लेने की भी कोई आवश्यकता नहीं है. वह बिना अनुमति के भी एल्डमैन की नियुक्ति कर सकते हैं.

इस मामले पर दिल्ली सरकार ने कहा था कि, एलजी ने सरकार से बिना सलाह – मशविरा के एल्डमैन की नियुक्ति की है. इसको लेकर एलजी ने कहा था कि, ”संविधान के अनुच्छेद 239 AA के तहत एलजी की शक्तियों और राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासक के रूप में उनकी भूमिका के बीच अंतर है. उन्होंने दावा किया कि कानून के आधार पर एल्डरमैन के नामांकन में LG की सक्रिय भूमिका है.”

विशिष्ट ज्ञान वाले ही बनेंगे एल्डमैन – सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली एमसीडी में 250 निर्वाचित और 10 नामित सदस्य यानी एल्डमैन है. दिसंबर 2022 के चुनाव में बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने हराया था. इसमें पार्टी ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि बीजेपी के खाते में 104 सीटें ही आई थी. वहीं कांग्रेस तीसरे स्थान पर 9 सीटों के साथ रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने 22 फरवरी, 2023 को दिल्ली में मेयर और उपमेयर का चुनाव कराया था. इसके बाद में न्यायालय ने स्पष्ट किया कि, ये लोग एल्डरमैन सदन में मतदान नहीं कर सकेंगे. दिल्ली नगर निगम अधिनियम, जो कहता है कि 25 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को एल्डरमैन रखा जाना चाहिए, जिन्हें निगम का विशिष्ट ज्ञान है, उन्हें ही एल्डरमैन रखना चाहिए.

दिल्ली सरकार और एलजी की दलीलें

इससे पहले की तारीख में अदालत ने कहा था कि,” क्या एमसीडी में एक्सपर्ट लोगों का नामांकन केंद्र के लिए इतनी चिंता की बात है ? अगर एलजी को एल्डरमैन नामित करने का अधिकार दिया जाता है तो इससे एक चुने हुए नागरिक निकाय को प्रभावित किया जा सकता है क्योंकि, मतदान का अधिकर एल्डरमैन के पास भी होगा.”

इसपर अपना तर्क देते हुए दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि, ” दिल्ली सरकार को एमसीडी में लोगों को नामित करने के लिए कोई अलग से अधिकार नहीं दिए गए हैं .पिछले 30 सालों से एलजी द्वारा प्रदेश सरकार की सहायता और सलाह पर एल्डरमैन को नामित करने की प्रथा का पालन किया जा रहा है. इसके उलट एलजी के वकील का कहना था कि कोई व्यवस्था 30 साल से चली आ रही है, तो इसका मतलब यह नहीं होगा कि वो व्यवस्था ठीक है. अब यह कल ही पता चलेगा कि आखिर एलजी को एल्डरमैन नियुक्त करने का अधिकार दिया जाता है या नहीं”

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क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला ?

एलजी ने बीजेपी से 10 लोगों को एमसीडी में नामित किया है, जो भाजपा से संबंध रखते हैं. वहीं सेंट्रल, सिविल लाइन और नरेला क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी के आंकड़ें कमजोर पड़ रहे हैं क्योंकि वे दिल्ली एमसीडी के क्षेत्रीय चुनाव में वोट दे रहे हैं. इसके विपरीत बीजेपी मजबूत है. यही कारण है कि न्यायालय का निर्णय ज़ोनल चुनाव यानी वार्ड समिति और ज़ोन चेयरमैन के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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