वार्डेन से नाराज काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के छात्रों ने रविवार को नारेबाजी की और हास्टल का गेट बंद कर धरना-प्रदर्शन किया. सड़क अवरूद्ध किये जाने से आवागमन बाधित हो गया था.
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हास्टल के बाहर मुख्य मार्ग पर धरने पर बैठे छात्र वार्डेन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है. छात्रों ने कहा कि हम लोगों को बिना कारण ही अकेले बुलाकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. हमलोगों को हॉस्टल से निकालने की भी धमकी दी जाती है. हॉस्टल में न तो लाइब्रेरी खोली जाती है और न ही खेलकूद का सामान दिया जाता है. वाटर कूलर भी कई माह से बंद पड़े हैं. हॉस्टल में लगभग 11 वाटर कूलर हैं लेकिन सभी खराब है. छात्रों के लिए हॉस्टल में एक कॉमन रूम है और उस पर भी वार्डन ने ताला चढ़ा दिया है. सिर्फ अपनी जरूरत पड़ने पर कॉमन रूम को खोला जाता है. छात्रों ने कहा कि हम लोगों की मांग है की वार्डन को तत्काल हॉस्टल से हटाया जाए और दूसरे वार्डन की नियुक्ति की जाय.
राष्ट्रीय ध्वज लगाने के लिए छात्र करेंगे आमरण अनशन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विशाल राष्ट्रीय ध्वज लगाने की मांग को लेकर छात्रों ने आमरण अनशन की चेतावनी दी है. बीएचयू परिसर स्थित मधुबन पार्क में छात्र विवेक सिंह और अभिषेक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. बताया कि पिछले कई महीनों से विश्वविद्यालय परिसर में विशाल राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए आंदोलन चलाया जा रहा है. इस मामले में विश्वविद्यालय के तरफ से एक कमेटी भी गठित कर दी गई है. लेकिन कमेटी की आगे की कार्रवाई ठप पड़ी है. विवेक सिंह ने कहाकि विश्वविद्यालय के अधिकारी राष्ट्रीय ध्वज लगवाने में कोई रुची नहीं दिखा रहें हैं. उन्हांेने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के देशभक्ती पर भी सवाल उठाया. कहाकि 9 अप्रैल से वह तब तक आमरण अनशन पर बैठेंगे जब तक कि परिसर मेे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा स्थापित न हो जाय. इस दौरान छात्र विश्वम्भर राठौर, सूरज कुमार, यश, सोनू गुप्ता, प्रशान्त सिंह, देवराज सिंह, अरविंद यादव, मोहन, अमित, सिल्लू, सुमित पंकज आदि रहे.