BHU कांड : कांग्रेसियों ने पूछा- बुलडोजर कहां पंक्चर हो गया ?

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बीएचयू आईआईटी की छात्रा संग सामूहिक दुष्कर्म मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी पर कांग्रेस ने कई गंभीर सवाल उठाते हुए सत्ताधारियों और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को कठघरे में खड़ा कर दिया है. तीनों आरोपितों के भाजपा आईटी सेल से जुड़े होने और वारदात के 60 दिनों के बाद हुई गिरफ्तारी की कहानी ही ऐसी है कि उस पर सवाल उठना लाजमी हैं. कांग्रेस नेता संजीव सिंह ने मीडिया को बताया कि पांच नवम्बर को पार्टी के नेता पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे.

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हो चुकी थी पहचान, चुनाव के लिए रोकी गई थी गिरफ्तारी

संजीव सिंह ने बताया कि पुलिस कमिश्नर से साफ कहा कि आरोपितों की पहचान हो चुकी है. जल्द ही उनका नाम सामने आएगा और वह गिरफ्त में होंगे. लेकिन आरोपितों के संरक्षणदाताओं ने आरोपितों को चुनाव प्रचार के लिए मध्यप्रदेश भेज दिया. वह भी वहां जहां लाड़ली बहना योजना के सहारे चुनाव जीतने की कवायद हो रही थी वहीं काशी में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित भाजपा का प्रचार कर रहे थे. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि कि अगर उसी समय तीनों आरोपित गिरफ्तार हो गये होते तो मध्यप्रदेश में लाडली बहना योजना की हकीकत सामने आ जाती. साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों की योजनाओं की घोषणाओं पर पानी फिर जाता.

भाजपा को मुंह की खानी पड़ती

इसलिए इस मामले को तीनों राज्यों के चुनाव के बाद उजागर किया गया. उन्होंने कहा कि शहर के तीन-तीन मंत्री और विधायक हैं. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल बीएचयू छात्रसंघ के पदाधिकारी रहे हैं.साथ ही कई पार्टियों के नेता यहां के पूर्व छात्र रहे हैं. गैंगरेप जैसी घटना पर सबको राजनीति से उपर उठकर गंभीरता से विचार करना चाहिए. इसके लिए कमेटी गठित हो और निष्पक्ष जांच कर ठोस नतीजा सामने आना चाहिए. यह घटना बीएचयू ही नही काशी पर बदनुमा धब्बा है. उधर, प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय प्रदर्शन करने जा रहे कांग्रेसी सवालों के गोले चला रहे थे. मीडिया से कहाकि विपक्ष के किसी नेता के साथ किसी मामले के आरोपितों की फोटो मिलने पर भाजपा का आईटी सेल मिर्च-मसाला जोड़कर उसे शेयर करने में लग जाता था, अब सेल चुप क्यों है? अपराधियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर का पहिया क्यों पंक्चर हो गया? लंगड़ा करो अभियान कहां गुम है? क्या यही है बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान ?

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले मुकदमा, मिले कड़ी सजा 

यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता व छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेंद्र सिंह ने कहाकि छात्रा से महामना की तपोभूमि में छात्रा से गैंगरेप बेहद शर्मनाक घटना है. कहाकि भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा एक बार फिर जनता के सामने उजागर हो गया है. कोई और घटना में शामिल होता तो बाबा का बुलडोजर चल देता लेकिन अब कहां है? क्यों नही बुलडोजर चला, अक्सर मुठभेड़ करने वाली पुलिस ने आसानी से गिरफ्तारी दिखाकर जेल क्यों भेज दिया. उन्होंने आरोपितों का कड़ी से कड़ी सजा की मांग की और कहाकि मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चले. उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भी मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने की मांग की है. कहाकि दूसरों के फटे में हाथ डालनेवालों के दामन पर जब खुद छींटे पड़े तो जुबान पर ताले लग गये. काशी की धर्मप्राण जनता इस घटना से मर्माहत हैं. जब वारदात में शामिल आरोपितों की पांच नवम्बर को ही पहचान हो चुकी थी तो उन्हें मध्य प्रदेश चुनाव प्रचार के लिए किसने भेजा? यदि उसी समय यह मामला खुल गया होता तो भाजपा की वही किरकिरी होती जो अब हो रही है. तब शायद तीन विधानसभाओं के चुनाव में पार्टी मुंह दिखाने लायक नही रह जाती. यही कारण है कि मामले को चुनाव नतीजा आने के बाद तक दबाया गया था.

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