सत्ता से जुड़े हैं बीएचयू गैंगरेप के आरोपितों के तार
भाजपा समेत कई बड़े नेताओं के साथ फोटो
वाराणसी: बीएचयू आईआईटी की छात्रा से दरिंदगी के आरोपितों के तार सत्ता से जुड़े हैं. ऐसा उनके सोशल मीडिया एकाउंट से पता चला है. इनमें कुणाल पांडेय भाजपा आईटी सेल से जुड़ा बताया जा रहा है और वह आईटी सेल का महानगर संयोजक है. इसके अलावा सक्षम पटेल भी आईटी सेल से जुड़ा बताया जा रहा है. जानकारों की माने तो छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के सात दिन के बाद ही पुलिस और बीएचयू के कुछ अधिकारियों को इन आरोपितों के बारे में पता चल गया था. तीनों अक्सर बीएचयू आईआईटी समेत परिसर और लंका क्षेत्र में अक्सर चक्कर लगाते दिख जाते थे. लेकिन सत्ता से इनके तार जुड़े होने के कारण पुलिस इन पर हाथ डालने से बचती रही.
हरी झंडी मिलने के बाद पुलिस ने की कार्रवाई
विपक्ष के नेताओं को भी इनकी करतूतों की आहट मिल गई थी. इसलिए उन्होंने इन चेहरों को बेनकाब करने के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था. साल बीत बीत रहा था और इस घटना का खुलासा न हो पाने को लेकर मीडिया की रिपोर्टों में पुलिस की किरकिरी हो रही थी. आला अफसर ठीक से जवाब नही दे पा रहे थे. माना जा रहा है कि उपर से हरी झंडी मिलने के बाद इनको पकड़ा गया.
फेसबुक पर भाजपा के हैं कई दिग्गज
कुणाल ने घटना के बाद से ही अपना फेसबुक अकाउंट लाक कर दिया था. उसके अकाउंट पर भाजपा समेत कई बड़े नेताओं के साथ फोटो हैं. सूत्र बताते हैं कि वह पकड़े न जा सके और पुलिस किसी तरह मामले को लटका दे, इसके लिए भी दबाव बनाए जाते रहे. गौरतलब है कि इस मामले में लिप्त आरोपितों के तार सत्ता से जुड़े होने और पुलिस पर दबाव को जानने के बाद भी बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों समेत कई पुराने नेता भी आंदोलन में कूद पड़े थे. पूर्व सांसद व कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष अनिल श्रीवास्तव समेत अन्य नेताओं ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर ज्ञापन सौंपा था. समझा जाता है कि लोकसभा चुनाव करीब आ रहा है. विपक्ष कहीं इसे मुद्दा न बना दें इसलिए पहले ही इसका खुलासा कर दिया गया. ताकि यह बीते दिनों की बात हो जाय और नया मुद्दा सामने लाया जा सके. आश्चर्य तो यह भी भाजपा की छात्र इकाई भी इस आंदोलन में जोर-शोर से कूदी थी और आरोपित उन्हीं से जुड़ी पार्टी के थे.