BHU : सड़क हादसे में श्रमिक की मौत के बाद बवाल, चक्काजाम

राजनीतिक पार्टी का झंडा लगी स्कार्पियों ने शनिवार की रात ली थी कृष्णचंद की जान

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बीएचयू परिसर में डालमिया छात्रावास के पास शनिवार की रात स्कार्पियों की टक्कर से मृत श्रमिक कृष्णचंद की मौत के बाद रविवार को सिंहद्वार पर उसके शव को रखकर परिजनों ने चक्काजाम कर दिया. जबर्दस्त हंगामे के बीच परिजन स्कार्पियो चालक की गिरफ्तारी, 20 लाख रूपये मुआवजा, एक फ्लैट और नौकरी की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों को काफी समझाने और आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ.

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मृतक कृष्णचंद के बेटे ने बताया कि शनिवार की रात पिता बीएचयू परिसर में रहनेवाली अपनी सास को दवा देने गए थे. इसके बाद वह साइकिल से घर की ओर लौट रहे थे. तभी राजनीतिक पार्टी की झंडा लगी तेज रफ्तार स्कार्पियो ने उन्हें पीछे से धक्का मार दिया. सिर में गंभीर चोट के कारण उनकी मौत हो गई.मृतक के दामाद ने बताया कि श्वसुर की छह बेटियां और एक बेटा है. इनमें से पांच की शादियां हो चुकी हैं. एक बेटी कक्षा दस में और बेटा 12वीं में पढ़ता है. परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी श्वसुर पर ही थी.

दो सौ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज, सात छात्र हिरासत में

गौरतलब है कि बीएचयू में शनिवार रात 10 बजे स्कार्पियो की टक्कर से 48 साल के साइकिल सवार देवनाथपुरा निवासी कृष्णचंद की मौत हो गई थी. यह दुर्घटना डालमिया हॉस्टल के बाहर हुई. कृष्णचंद की मौत की खबर मिलते ही हास्टलों से निकले 500 से ज्यादा छात्रों ने जमकर हंगामा किया. दुर्घटना के बाद मौके पर स्कॉर्पियो को छोड़कर उसमें सवार भाग गये थे. छात्रों ने पहले स्कार्पियों में तोड़फोड़ की और फिर कुलपति आवास और पुलिस की गाड़ियों पर पथराव कर दिया. दस से अधिक सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये. इसके बाद छात्र बीएचयू सिंहद्वार पहुंचे और धरना-प्रदर्शन करने लगे. इस बीच छात्रों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने जबरदस्ती गेट खुलवाया. सिंहद्वार के अंदर घुसकर लाठियों से पीटा. इससे कई छात्रों को गंभीर चोटें आईं. इस मामले में पुलिस ने 200 अज्ञात और 15 छात्रों पर नामजद एफआईआर दर्ज किया है. इस मामले में सात छात्र हिरासत में लिये गये थे.

पुलिस ने किया लाठीचार्ज, कई छात्र घायल

परिसर में दुर्घटना में मौत के बाद छात्र सिंहद्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान कई थानों की पुलिस पहुंच गई. तभी एक एंबुलेंस वहां से गुजरने लगी तो छात्रों ने रास्ता नहीं दिया. इस पर डीसीपी काशी ने छात्रों से बात की लेकिन छात्र नहीं माने. इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने छात्रों को भगाकर गेट खोलवाया. इस मामले में विश्वविद्यालय के सह सुरक्षा अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता की शिकायत पर पुलिस ने शुभम शुक्ला, संजय गांधी, अनुज राय, अंकित पाल, सूरज कुमार, दुर्गेश यादव, अमिया, संकेत कुमार, संभव, कौशिक, अभिषेक कुमार, सुरेश कुमार पासवान, प्रत्यूष कुमार, यशवर्धन राज सहित 200 अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 332, 353, 427, 323, 504, 506, 452, 283, 505 के तहत दर्ज किया है. इनमें से सात छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. आरोप है कि छात्रों ने दुर्घटना के बाद अफवाह फैला दी कि दुर्घटना में मृतक व्यक्ति विश्वविद्यालय का छात्र है. इसके बाद छात्र उग्र हो गये. इस मामले में रविवार को मृत व्यक्ति के शव को सिंह द्वार पर रखकर परिजनों ने चक्काजाम कर दिया. इससे आवागमन बाधित हो गया. घटना की सूचना के बाद मौके पर सुरक्षाकर्मी और लंका पुलिस के साथ पीएसी पहुंची.

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